उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, PCS की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाया
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (PCS) की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय को हटा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये अहम निर्णय लिया गया। नए नियम के मुताबिक, अब PSC की मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय की जगह उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए सामान्य ज्ञान के दो पेपर लिए जाएंगे। योगी सरकार के इस फैसले से परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्र प्रभावित होंगे।
लंबे समय से उठ रही थी वैकल्पिक विषय को हटाने की मांग
बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। इसमें कार्मिक विभाग के PCS की मुख्य परीक्षा और इसके पाठ्यक्रम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। लंबे समय से PCS की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय को हटाने की मांग की जा रही थी। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने वैकल्पिक विषय हटाए जाने को लेकर शासन को प्रस्ताव सौंपा था।
नए फैसले से क्या बदलाव होंगे?
मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय को हटाने के बाद आयोग ने निर्णय लिया है कि अब अभ्यर्थियों को 2 अन्य पेपर देने होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश से जुड़े सामान्य ज्ञान विषय से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। नया परीक्षा पैटर्न जारी कर आयोग ने सभी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा को सामान्य बनाने का काम किया है। नए बदलाव से उत्तर प्रदेश के प्रतियोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही स्केलिंग का विवाद भी खत्म हो जाएगा।
छात्र क्यों परेशान थे छात्र?
अभी तक PCS की मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय अनिवार्य था और मुख्य परीक्षा में कला वर्ग के उम्मीदवारों की अपेक्षा विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को ज्यादा अंक मिल जाते थे। इसके बाद अंकों की स्केलिंग होती थी, जिसमें उम्मीदवारों के अंक बढ़ते या घटते थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि स्केलिंग के कारण हिंदी भाषी और मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों को काफी ज्यादा नुकसान होता है। उनके द्वारा कम अंक मिलने की शिकायतें की जाती थीं।
2018 की परीक्षा में हुआ था विवाद
साल 2018 में UPPSC की मुख्य परीक्षा में स्केलिंग को लेकर काफी विवाद हुआ। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए थे कि स्केलिंग की वजह से अन्य प्रदेशों के उम्मीदवारों का चयन ज्यादा संख्या में होने लगा है और प्रदेश के अभ्यर्थियों को नुकसान उठाना पड़ता है। स्केलिंग के चलते भर्तियों के अगले चरण की प्रकियाओं में भी बाधा आई थी। इसी परेशानी को देखते हुए कैबिनेट की बैठक में वैकल्पिक विषय की अनिवार्यता को हटाने का फैसला लिया गया है।