उत्तर प्रदेश: NAAC की A++ ग्रेड हासिल कर लखनऊ यूनिवर्सिटी ने रचा इतिहास
क्या है खबर?
लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) के मूल्यांकन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। 102 वर्ष पुरानी इस यूनिवर्सिटी को पहली बार A++ ग्रेडिंग मिली है, जो कि सबसे उच्च ग्रेडिंग मानी जाती है।
खास बात यह है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसे NAAC ने यह ग्रेड दिया है।
NAAC की ग्रेडिंग जानने के बाद यूनिवर्सिटी के शिक्षक, कर्मचारियों और छात्रों में जश्न का माहौल है।
मूल्यांकन
21 से 23 जुलाई तक NAAC टीम ने किया था मूल्यांकन
NAAC टीम ने फील्ड विजिट करते हुए 21 से 23 जुलाई तक लखनऊ यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन किया गया था।
NAAC की आठ सदस्यीय टीम ने इस दौरान गहनता से यूनिवर्सिटी के तमाम पहलुओं को परखा।
टीम ने यहां पर छात्र-छात्राओं को मिल रही सुविधाओं, प्लेसमेंट सेल, लाइब्रेरी, छात्रावास, मेस और जिम का मू्ल्यांकन किया था।
आखिरी दिन टीम ने यूनिवर्सिटी के छात्रों को लिए लाइब्रेरी में एक रीडिंग रूम बनाने का सुझाव भी दिया था।
ग्रेडिंग
लखनऊ यूनिवर्सिटी को 2014 में मिली थी NAAC की B ग्रेडिंग
इससे पहले के मूल्यांकन में लखनऊ यूनिवर्सिटी A श्रेणी में भी शामिल नहीं हो पाती थी। इस कारण इसे बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि 2014 में जब NAAC टीम ने इस यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन किया था तो यूनिवर्सिटी को B ग्रेड मिला था, जो 2019 में समाप्त हो गया।
इसके बाद कोरोना वायरस महामारी और अन्य कारणों से यूनिवर्सिटी दो साल इसके लिए आवेदन नहीं कर सकी।
फायदा
NAAC की A++ ग्रेडिंग मिलने से यूनिवर्सिटी को क्या फायदा होगा?
लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आलोक ने बताया कि सर्वोत्तम ग्रेडिंग मिलने से अब प्लेसमेंट के लिए कंपनियों के पास नहीं जाना होगा, कंपनियां यूनिवर्सिटी के पास आएंगी। इसके अलावा छात्रों को अन्य केंद्रीय छात्रवृत्तियां भी मिलेंगी।
उन्होंने NAAC की इस ग्रेड के फायदे बताते हुए कहा, "केंद्र की रिसर्च ग्रांट में यूनिवर्सिटी को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षकों को व्यक्तिगत प्रोजेक्ट प्राथमिकता पर मिलेंगे। यूनिवर्सिटी ओपेन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू कर सकेगी।"
बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कुलाधिपति ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ यूनिवर्सिटी को बधाई देते हुए इस उपलब्धि को गर्व का विषय बताया और अन्य यूनिवर्सिटीज को भी सीख लेने को कहा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, "यह श्रेणी मिलना निश्चय ही गर्व की बात है। NAAC देश में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षण कार्य के साथ समग्र व्यवस्थाओं का आंकलन करती है। यह राज्य की पहली यूनिवर्सिटी है, जिसने यह उपलब्धि प्राप्त की है।"
लखनऊ यूनिवर्सिटी
न्यूजबाइट्स प्लस
लखनऊ यूनिवर्सिटी 1920 में स्थापित हुई थी, लेकिन इसकी नींव बहुत पहले 1864 में ही पड़ गई थी। तब यह हुसैनाबाद में कैनिंग कालेज के नाम से शुरू हुई थी।
इसकी स्थापना का विचार राजा सर मोहम्मद अली मोहम्मद खान, खान बहादुर, केसीआईई महमूदाबाद की तरफ से दिया गया था।
मौजूदा समय में यूनिवर्सिटी में 49 विभाग हैं और 16,365 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। यहां पर कार्यरत शिक्षकों की संख्या 426 है।