UGC की कॉलेजों को चेतावनी, पूरी फीस वापस न करने पर होगी सख्त कार्रवाई
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उन कॉलेजों को चेतावनी दी है, जो पहले साल के छात्रों की पूरी फीस वापस नहीं कर रहे हैं। छात्रों की पूरी फीस वापस न करने वाले कॉलेजों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन छात्रों ने कोर्स के पहले साल में प्रवेश लिया था और अब वे अपना नाम उस कोर्स से वापस लेना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में उनके द्वारा जमा किए हुए पूरे पैसे उन्हें वापस मिलेंगे।
फीस वापस न करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण कई लोगों की आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने या फिर किसी अन्य कारण से पहले वर्ष में प्रवेश ले चुके छात्र अगर आगे पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहते हैं तो कॉलेजों को बिना कोई शुल्क काटे उनकी पूरी फीस वापस करनी होगी। ऐसा न करने वाले कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
UGC के सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखा पत्र
UGC के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक पत्र लिखा है। इसमें UGC ने कहा कि कई छात्रों ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के खिलाफ शिकायत की थी कि वे उनकी फीस वापस नहीं कर रहे या फीस में कटौती कर वापस कर रहे हैं। इस कारण UGC को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिख चेतावनी देनी पड़ी और ऐसा न करने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला करना पड़ा।
प्रोसेसिंग फीस में से कट सकते हैं अधिकतम 1,000 रुपये
पत्र के अनुसार, 31 दिसंबर तक किसी भी छात्र द्वारा अपना नाम कॉलेज से कटवाने पर उनके द्वारा जमा की गई कोर्स की पूरी फीस उन्हें वापस की जाएगी। हालांकि, कॉलेज प्रोसेसिंग फीस में से ज्यादा से ज्यादा 1,000 रुपये काट सकते हैं। पत्र में जैन ने यह भी कहा गया कि आयोग को इससे संबंधित नियमों का पालन न करने वाले कॉलेजों के खिलाफ काफी शिकायतें मिल रही हैं और आयोग उन पर पूरा ध्यान दे रहा है।
UGC ने पहले ही जारी कर दिया था निर्देश
बता दें कि सत्र 2020-21 में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के पहली साल के छात्रों के लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी करते समय UGC ने यह साफ निर्देश दिया था कि 31 दिसंबर तक किसी भी छात्र द्वारा कॉलेज से अपना नाम कटवाने पर कॉलेज बिनी किसी कटौती के उन्हें पूरी फीस वापस देगा। UGC ने यह कदम कोरोना वायरस महामारी के कारण उस समय देश और लोगों की स्थिति को देखकर उठाया था।