NCERT ने 10वीं के छात्रों के लिए तैयारी की टॉपिक्स की सूची, नहीं होगा मूल्यांकन
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इस सप्ताह एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें 10वीं के छात्रों के लिए टॉपिक्स की सूची तैयार की गई हैं। ये वे टॉपिक्स हैं, जिनका हो सकता है कि अगली बोर्ड परीक्षा में मूल्यांकन नहीं किया जाए, लेकिन छात्र उनको अपने प्रोजेक्ट, असेसमेंट और सेल्फ स्टडी में शामिल कर सकते हैं। तैयार की गई सूची में विज्ञान, गणित के साथ-साथ इतिहास आदि विषयों के टॉपिक्स भी शामिल हैं।
पाठ्यक्रम में कटौती करने के पक्ष में नहीं परिषद
परिषद द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में पाठ्यक्रम में कटौती न करने की सलाह दी गई है क्योंकि इससे छात्रों को उच्च शिक्षा के समय पढ़ाई करने में परेशानी हो सकती है। इस कारण परिषद ने दो सूची तैयार की हैं। एक में वे विषय हैं, जो नए हैं और शिक्षक द्वारा पढ़ाए जाने चाहिए। वहीं दूसरी सूची में उन टॉपिक्स का नाम शामिल है, जो छात्र खुद पढ़कर भी कवर कर सकते हैं।
इंटरनल असेसमेंट में छात्रों द्वारा तैयार किए गए टॉपिक्स होंगे शामिल
प्रस्ताव में वे कॉन्सेप्ट और टॉपिक्स भी शामिल हैं, जिन्हें पहले पढ़ाया जा चुका है और अगली क्लास में उन्हें उदाहरण और विस्तार के साथ दिया गया है। साथ ही प्रस्ताव में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए विषयों का मूल्यांकन किया जा सकता है। स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में छात्रों द्वारा तैयार किए गए टॉपिक्स को कवर कर सकते हैं। बता दें कि CBSE में प्रत्येक विषय का 20 नंबर का असेसमेंट होता है।
छात्रों द्वारा कवर किए जाने वाले टॉपिक्स
छात्रों द्वारा कवर किए जाने वाले विषयों की सूची में टिण्डल प्रभाव भी है। इसे छात्र पहले ही 8वीं में पढ़ चुके हैं। इसके अलावा दो अन्य अध्याय ऊर्जा के स्रोत और प्राकृतिक संसाधनों का स्थायी प्रबंधन को भी इस सूची में शामिल किए गए हैं। विज्ञान के अलावा राजनीतिक विज्ञान में बोलीविया के जल युद्ध और नेपाल में लोकतंत्र के लिए आंदोलन, इतिहास के औद्योगिकीकरण का युग और प्रिंट संस्कृति और आधुनिक दुनिया का सुझाव आदि टॉपिक्स शामिल हैं।
पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषण करने के लिए भी कहा गया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और NCERT की 4 जून को एक बैठक हुई थी, जिसमें NCERT से इस साल पाठ्यक्रम युक्तिकरण करने के उद्देश्य से 10वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषण करने के लिए कहा था। कोरोना वायरस के कारण इस साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने में देरी हो रही है, जिस कारण पाठ्यक्रम कम करने पर विचार किया जा रहा है।