QS रैंकिंग: भारत में IIT मुंबई टॉप पर, कई संस्थानों की रैंक में आई गिरावट
हर साल की तरह इस साल भी क्वाक्क्वेरीली साइमंड्स (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 की लिस्ट जारी कर दी गई है। इसमें दुनिया के टॉप संस्थानों को जगह दी गई है। QS रैंकिंग के अनुसार, टॉप 200 ग्लोबल यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में भारत के संस्थानों में टॉप रैंक प्राप्त करने वाला संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (IIT) मुंबई है। साथ ही बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) और IIT दिल्ली ने भी टॉप 200 में अपनी जगह बनाई है।
टॉप 1000 में शामिल हैं भारत के इतने संस्थान
बता दें कि टॉप 200 की लिस्ट में IIT मुंबई ने 172वीं रैंक, IISC ने 185वीं रैंक और IIT दिल्ली ने 193वीं रैंक प्राप्त की है। इनके अलावा IIT मद्रास 275वीं रैंक, IIT खड़गपुर 314वीं रैंक, IIT कानपुर 350वीं रैंक, IIT रुड़की 383वीं रैंक और IIT गुवाहाटी 470वीं रैंक के साथ टॉप 500 में शामिल हैं। कुल मिलाकर भारत के 21 उच्च शिक्षा संस्थानों का नाम टॉप 1,000 में शामिल है। इसके बावजूद इस साल भारतीय संस्थान काफी पीछे है।
ये संस्थान इस साल लिस्ट से हुए बाहर
भारत के अधिकांश उच्च शिक्षा संस्थान QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस बार पीछे रह गए। इनमें वे 10 भी शामिल हैं, जिन्हें सरकार द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (IoE) स्कीम के तहत चुना गया था। टॉप 1,000 में आए 21 संस्थानों में से 14 की रैंक गिरी है और केवल चार की बढ़ी है। BITS पिलानी और VIT उन संस्थानों में शामिल हैं, जिन्हें टॉप 1,000 से हटा दिया गया है। पिछले साल इन्हें 801-1000 के बीच रैंक मिली थी।
टॉप पर हैं ये संस्थान
इस साल रैंकिंग में अमेरिका ने बाजी मारी है। अमेरिका का मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2021 की यह लिस्ट एकेडमिक रेप्यूटेशन, इम्पलॉयर रेप्युटेशन, साइटेशन पर फैकल्टी, फैकल्टी स्टूडेंट रेशियो, इन्टरनेशनल फैकल्टी रेशियो और इंटरनेशनल स्टूडेंट रेशियो समेत छह मानकों के आधार पर तैयार की गई है। इसी आधार पर संस्थानों की रैंक तय हुई है।
अन्य संस्थानों द्वारा किए जा रहे प्रयास के कारण हुआ यह- बेन सॉटर
QS के बेन सॉटर ने कहा कि भारतीय संस्थान लिस्ट में इस साल गिर गए हैं। यह दुनिया भर के उन संस्थानों के कारण हुआ है, जो अपनी रैंक को बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपनी जगह फिर से प्राप्त करने के लिए भारतीय संस्थानों को शिक्षण क्षमता बढ़ाने के तरीके निकालने होंगे और दुनिया के अधिक प्रतिभाशाली छात्रों को भारत में अध्ययन करने के लिए आकर्षित करना होगा।