MP: सरकार ने की 'मस्ती की पाठशाला' की शुरूआत, स्कूल छोड़ चुके बच्चों को पहुंचेगा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा को बेहतर करने के लिए कई चीजोंं की शुरूआत कर रही है। जिसके बीच सरकार ने अब एक नई पहल शुरू की है। सरकार अब बच्चों के लिए 'मस्ती की पाठशाला' (स्कूल ऑफ व्हील्स) लेकर आई है। जी हां, अब बच्चे स्कूल जाकर नहीं बल्कि स्कूल बच्चों तक पहुंचकर उनको शिक्षा प्रदान करेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पहल का शुभारंभ किया है। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
चार्टड बस में होगा स्कूल का संचालन
मस्ती की पाठशाला के तहत एक चार्टड बस में स्कूल का संचालन किया जाएगा। इस बस में शिक्षा के सभी संसाधन होंगे। इस पहल के तहत गरीब बस्तियों में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को पढ़ाया जाएगा। ये बस जगह-जगह जाकर बच्चों को पढ़ाने में मदद करेगी। बस में शिक्षा के सभी जरुरी संसाधन के साथ-साथ बच्चों के खेलने के लिए भी कुछ जरुरी चीजें रखी जाएंगी।
क्या है इसका उद्देश्य
इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव का कहना है कि इस पहल से स्कूल न जाने वाले बच्चों को स्कूल से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 के अनुसार, 06 से 14 साल तक के प्रत्येक बच्चे को नि:शुल्क प्रारंभिक शिक्षा मिले, इसके लिए उचित व्यवस्था करना शासन का काम है। खासतौर पर आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए इसकी शुरूआत हुई है।
बस में हैं ये सुविधाएं
इस बस में बच्चों को पढ़ाने के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं। इस बस में कुर्सी, मेज, मार्कर बोर्ड, प्रोजेक्टर, TV आदि बच्चों को पढ़ाने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध हैं। इसमें बच्चों को पढ़ाई करने में काफी अच्छा लगेगा।
इस समय लगेगी मस्ती की पाठशाला
इस पहल में बच्चों को कंप्यूटर से खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा। 'मस्ती की पाठशाला' के लिए दो वाहन होंगे, जिसमें POL और अटेंडेंट रहेंगे। मस्ती की पाठशाला का समय शाम 04:30 बजे से 06:30 बजे तक रखने पर विचार किया जा रहा है। इसमें बच्चों को ब्रिज कोर्स के माध्यम से पढ़ाकर मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। सरकार की ये पहल बच्चों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।