मध्य प्रदेश में बनाए जाएंगे पांच ड्रोन स्कूल, जानें देश में कैसा होगा ड्रोन का भविष्य
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर शनिवार को मध्य प्रदेश में ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (MITS) में राज्य के पहले ड्रोन मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में लगभग 20 कंपनियों ने अपने ड्रोन का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में सिंधिया ने राज्य के पांच जिलों में ड्रोन स्कूल शुरू करने की घोषणा की। इन ड्रोन स्कूलों में ड्रोन तकनीक और इसके इस्तेमाल की शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश में किन पांच ड्रोन स्कूलों में खोले जायेंगे ड्रोन स्कूल?
सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खुलेंगे। उन्होंने ग्वालियर के MITS में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर खोलने की बात भी कही। इसके लिये एक कंपनी के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) भी साइन किया गया है। बता दें कि इन ड्रोन स्कूलों के जरिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि युवाओं को रोजगार मिले और देश में ड्रोन तकनीक का भी विकास हो।
ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थव्यवस्था में आयेंगे बड़े बदलाव- सिंधिया
सिंधिया ने शनिवार को कहा कि ड्रोन मेला ग्वालियर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और इसके माध्यम से वे नई क्रांति के साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा, "आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थव्यवस्था और जीवन में बड़े बदलाव आयेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि ऐसी तकनीक हो जो जन-जन की जिंदगी में बदलाव लाए। प्रधानमंत्री की इसी मंशा के अनुरूप ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है।"
देश में किन-किन क्षेत्रों में ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है?
फिल्मों में कैमरा और फोटो, इंस्टाग्राम, वीडियो और शादियों में वीडियो बनाने जैसे आसान कामों से लेकर लॉजिस्टिक उद्योग तक ड्रोन हर जगह मदद कर रहे हैं। आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये बड़े महानगरों में छतों की तलाशी के लिये ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। कृषि, बीमा, ऊर्जा, खनन, मीडिया, स्वास्थ्य और मनोरंजन के क्षेत्र में भी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
भविष्य के लिए अहम क्यों है ड्रोन?
कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से लोगों को स्वास्थ्य और जरूरी खाद्य सामान की डिलीवरी में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि भविष्य में ड्रोन तकनीक बेहद अहम साबित होगी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन तकनीक का आज वैश्विक बाजार 21 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है और भारत में इसका बाजार करीब 900 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
क्या है ड्रोन पॉलिसी 2021?
बता दें कि सरकार ने भी ड्रोन तकनीक की संभावनाओं को देखते हुए जुलाई, 2021 में नई ड्रोन पॉलिसी पेश की थी। इस पॉलिसी के तहत ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कई नियम हटा दिए गए हैं, जिससे आम नागरिक भी आसानी से ड्रोन उड़ा सकेंगे। नई ड्रोन पॉलिसी के तहत ड्रोन चलाने के लिए भरे जाने वाले 25 फार्म की संख्या को घटाकर सिर्फ पांच कर दिया गया है। फीस भी कम कर दी गई है।