क्या है डिजिटल बैंकिंग? जानिए इस क्षेत्र में कैसे बनाएं करियर
वक्त और जरूरत के साथ ही लोगों के कामकाज का तरीका भी बदलता जा रहा है। डिजिटलीकरण ने दुनिया भर में कब्जा कर लिया है और टेक्नोलॉजी लगातार विकसित हो रही है। इससे नए युग के रोजगार के अवसर भी खुल रहे हैं। डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में यदि आप करियर बनाने की सोच रहे तो न्यूजबाइट्स द्वारा नीचे बताई जाने वाली जानकारियां आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
क्या है डिजिटल बैंकिंग?
डिजिटल बैंकिंग यानी ऐसे बैंक जो पूरी तरह से ऑनलाइन संचालित होते हैं। फिजिकल बैंक की तरह इस तरह की बैंक की कोई शाखा नहीं होती है, लेकिन यह हर प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। पिछले कई वर्षो से डिजिटल लेन-देन का स्तर काफी बढ़ चुका है और भारत के कई बड़े बैंकों ने अपनी डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की सुविधा शुरू कर दी है।
क्या है UPI?
UPI एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है जो मोबाइल ऐप के माध्यम से बैंक अकाउंट में पैसे तुरंत ट्रांसफर कर सकता है। UPI के माध्यम से आप एक बैंक अकाउंट को कई UPI ऐप से लिंक कर सकते हैं।
डिजिटल बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
डिजिटल बैंकर बनने के लिए कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास अभ्यर्थी तीन वर्षीय एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस का कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा इच्छुक उम्मीदवार एक वर्षीय ग्लोबल स्नातकोत्तर डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस जैसे पाठ्यक्रम करके भी इस फील्ड में करियर बना सकते हैं। यह कोर्स किसी भी स्ट्रीम से स्नातक छात्र कर सकते हैं। डिजिटल बैंकिंग में करियर बनाने के लिए इकोनॉमिक्स और फाइनेंस के साथ-साथ कंप्यूटर की भी जानकारी होनी चाहिए।
डिजिटल बैंकिंग क्षेत्र के हुनरमंदों को कहां मिलेगी नौकरी?
सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिए जाने के बाद इन दिनों डिजिटल बैंकर्स की डिमांड सार्वजनिक और निजी बैंकों के अलावा तमाम वित्तीय संस्थानों में काफी देखी जा रही है। इसके अलावा पेटीएम, फोनपे, गूगलपे जैसी कंपनियां भी अपने यहां डिजिटल बैंकिंग से जुड़े प्रोफेशनल्स को नियुक्ति में प्राथमिकता दे रही हैं। विदेश के वित्तीय संस्थानों में भी इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
डिजिटल बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने की अपार संभावनाएं
आज के दौर में लगभग सभी आधुनिक बैंकों में डिजिटल बैंकिंग के साथ-साथ सारा परिचालन पूरी तरह से डिजिटल तौर-तरीके से ही हो रहा है। इससे यह समझा जा सकता है कि इस क्षेत्र में रोजगार के कितने अवसर हैं और यदि इससे जुड़ी योग्यता आपके पास है तो आपको नौकरी जरूर मिलेगी। देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन की रकम साल 2016-17 में 1,004 करोड़ रुपये थी जो साल 2020-21 में बढ़कर 5,554 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
डिजिटल बैंकर की क्या भूमिका होती है?
डिजिटल बैंकर मोबाइल बैंकिंग पंजीकरण के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा नए ग्राहक बनाने में योगदान देता है। पुराने ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग के फायदे बताते हुए उन्हें भी मोबाइल बैंकिंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा तय नियमों के अनुसार ग्राहकों के उचित दस्तावेज इकट्ठा करने का काम भी डिजिटल बैंकर ही करते हैं। साथ ही रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में ये प्रोफेशनल डिजिटल बैंकिंग में पेश आने वाली समस्याओं के निवारण का काम करते हैं।
भारत में किन संस्थानों से कर सकते हैं डिजिटल बैंकिंग से जुड़े कोर्स?
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली (www.ignou.ac.nic), टीकेडब्ल्यू इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली (www.tkwsibf.edu.in), मणिपाल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक (www.manipal.edu), सिंबायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मुंबई (www.siu.edu.in), बीएसई इंस्टीट्यूट लिमिटेड (ऑनलाइन) (www.bsebti.com) और इमार्टिकस लर्निंग (ऑनलाइन) (www.imarticus.org) से डिजिटल बैंकिंग से जुड़े कोर्स किए जा सकते हैं।