#NewsBytesInterview: दृष्टिबाधित सम्यक जैन ने UPSC में हासिल की सातवीं रैंक, मां ने लिखी थी परीक्षा

"कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों", इस कहावत को सच कर दिखाया है सम्यक जैन ने। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में दृष्टिबाधित सम्यक ने सातवीं रैंक हासिल की है। इस मौके पर सम्यक ने न्यूजबाइट्स हिंदी से खास बातचीत की और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के अपने सफर के बारे में बताया।
26 वर्ष के सम्यक दिल्ली के रहने वाले हैं और उनकी मां वंदना जैन और पिता संजय जैन सरकारी कर्मचारी हैं। 20 वर्ष की आयु में उनकी आंखों की रोशनी कम होना शुरू हुई और फिर धीरे-धीरे उन्हें दिखना बंद हो गया। 2018 में सम्यक ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से इंग्लिश जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इंटरनेशनल रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
सम्यक ने हमें बताया, "मेरे सिविल सेवा परीक्षा पास करने में IIMC की पढ़ाई का बड़ा योगदान रहा और यहां पढ़ने के कारण ही मेरे अंदर UPSC जैसी परीक्षा पास करने का हौसला आया।"
सम्यक का IAS बनने का सपना बहुत पुराना नहीं है। उन्होंने UPSC की तैयारी 2020 के मार्च में शुरू की थी, इस दौरान वह JNU में एडमिशन ले चुके थे। उन्होंने कहा, "जब कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लग गया था। उस वक्त मैंने सोचा कि कॉलेज बंद हैं और यह UPSC की तैयारी करने के लिए सबसे सही समय है। इसके बाद मैंने इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।"
सम्यक से जब यह पूछा गया कि उन्हें इस परीक्षा के नतीजों को लेकर क्या अपेक्षा थी तो उन्होंने कहा, "मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि मेरी इतनी अच्छी रैंक आ पाएगी।" उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया और बताया कि UPSC की प्रारंभिक परीक्षा में उनकी मां सहायक लेखक के रूप में उनके साथ मौजूद रही थीं, वहीं फाइनल लिखित परीक्षा के लिए उनकी एक दोस्त ने यह काम किया।
परीक्षा की तैयारी के दौरान आई परेशानियों पर सम्यक ने कहा, "इस परीक्षा को पास करने के लिए जितनी मेहनत एक सामान्य उम्मीदवार को लगती है, उतनी ही मुझे भी लगी।" उन्होंने आगे कहा, "मेरे और सहायक लेखक के बीच सामंजस्य बैठाना मुश्किल था, लेकिन कड़े अभ्यास से यह आसान हो गया। दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को जो अधिक समय देने का प्रावधान है, उससे मुझे लाभ हुआ।"
सम्यक ने कहा, "दृष्टिबाधित होने के कारण मैं सामान्य उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध पुस्तकों से पढ़ाई नहीं कर पाता था, लेकिन इंटरनेट के विस्तार ने मेरे लिए सब आसान कर दिया। इंटरनेट पर दिव्यांग उम्मीदवारों की पढ़ाई के लिए ऐसे डिजिटल नोट्स मौजूद हैं जिससे वह आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं।" इसके अलावा उन्होंने ऐसे कई नोट्स अपने लैपटॉप पर भी तैयार किए जिससे वह आसानी से तैयारी कर पाए।
UPSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी कर रहे दिव्यांग उम्मीदवारों को संदेश देने हु सम्यक ने कहा, "किसी भी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र को अपने अंदर की जो भी परेशानियां हैं, उन्हें दरकिनार करते हुए सिर्फ और सिर्फ परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जब मैं यह परीक्षा निकाल सकता हूं तो मेरे जैसा कोई भी छात्र इसे पास कर सकता है।"
सम्यक ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपना पहला प्रयास 2020 में दिया था, जिसमें वह असफल रहे थे। हालांकि उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ा और अपने निरंतर प्रयास की बदौलत अपने दूसरे प्रयास में यानि कि 2021 में उन्होंने यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर ली। बता दें कि उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन विषय को UPSC सिविल सेवा परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था।
सातवीं रैंक हासिल करने वाले सम्यक का मानना है कि देश में नीति निर्माण और कार्यान्वयन की बहुत जरूरत है और भविष्य में अगर उन्हें अवसर मिला तो वह इस पर काम करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहता हूं। मेरी रूची खासतौर पर लड़कियों को शिक्षित करने को लेकर है।" उन्होंने बताया कि वह देश में महिला सशक्तिकरण के लिए भी काम करना चाहते हैं।