कोरोना के चलते UPSC ने स्थगित की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, अब 10 अक्टूबर को होगी
कोरोना वायरस के कारण खराब होती स्थिति को देखते संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 27 जून को होने वाली सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित कर दिया है। UPSC ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें बताया गया है कि अब इस परीक्षा का आयोजन 10 अक्टूबर, 2021 को होगा। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण भारत में हालात भयावह हो गए हैं।
छात्र कर रहे थे मांग
पिछले कुछ दिनों से कोरोना की स्थिति को देखते हुए छात्र UPSC से इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि पिछले साल ऐसी ही स्थितियां देखते हुए परीक्षा को टाला गया था। बता दें कि UPSC हर साल तीन चरणों में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करती है। इसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों का चयन किया जाता है।
पिछले साल भी स्थगित हुई थी परीक्षा
पिछले साल भी कोरोना महामारी के चलते UPSC को सिविल परीक्षा को रिशेड्यूल किया गया था। पहले 31 मई को इस परीक्षा का आयोजन किया जाना था, लेकिन उस समय देश में लॉकडाउन समेत कई तरह की पाबंदियां लागू थी, जिसके चलते परीक्षा को स्थगित करना पड़ा था। बाद में UPSC ने 4 अक्टूबर को यह परीक्षा आयोजित की थी। इस साल भी अक्टूबर में इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। तब तक स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
PTI ने दी जानकारी
कोरोना के कारण रद्द हो चुकी हैं कई परीक्षाएं
UPSC ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सिविल सेवा से पहले कई और परीक्षाओं को भी रद्द किया है। आयोग ने CSE 2020 के इंटरव्यू को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इसी तरह संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS) परीक्षा 2021 को भी टाल दिया गया है। इसके अलावा SSC CGL और CHSL की कुछ परीक्षाओं पर भी कोरोना वायरस का असर पड़ा है और इन्हें आगे खिसका दिया गया है।
भारत में क्या है संक्रमण की स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना के 3,62,727 नए मामले सामने आए और 4,120 मरीजों की मौत हुई। तीन दिन की गिरावट के बाद मामलों में मामूली उछाल देखा गया है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,37,03,665 हो गई है। इनमें से 37,10,525 लाख सक्रिय मामले हैं और 2,58,317 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। अमेरिका के बाद भारत दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश बना हुआ है।