JEE मेन की तैयारी के दौरान न करें ये गलतियां, उठाना पड़ सकता है नुकसान
देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए हर साल लाखों छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE मेन) में भाग लेते हैं। ये अत्याधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है और इसमें सफल होना बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। परीक्षा तैयारी के दौरान उम्मीदवार मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करते हैं। परीक्षा के दबाव में कई छात्र बुनियादी गलतियां कर बैठते हैं और इसका सीध असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है। आइए जानते हैं उम्मीदवारों को किन गलतियों से बचना चाहिए।
NCERT किताबों को अनदेखा करना
JEE मेन की तैयारी के दौरान अक्सर कई उम्मीदवार NCERT किताबों को अनदेखा कर देते हैं। कई उम्मीदवारों को लगता है कि परीक्षा में सफलता के लिए केवल एडवांस लेवल की पुस्तकें पढ़नी चाहिए, लेकिन ये गलत है। NCERT पुस्तकें प्रमुख अवधारणाओं को स्पष्ट और संक्षिप्त तरीके से समझाती हैं। ऐसे में बुनियादी अवधारणाओं को समझने के लिए ये सर्वश्रेष्ठ माध्यम हैं। इन्हें पढ़ने के बाद ही उम्मीदवारों को टॉपर्स द्वारा सुझाई गई किताबें पढ़ना चाहिए।
केवल सैद्धांतिक अवधारणाओं पर ध्यान देना
JEE मेन परीक्षा में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। तैयारी के दौरान उम्मीदवार इन विषयों के महत्वपूर्ण टॉपिकों की सैद्धांतिक अवधारणाओं पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ध्यान रखें कि JEE परीक्षा मुख्य रूप से समस्या समाधान क्षमताओं का परीक्षण करने पर केंद्रित हैं। ऐसे में सैद्धांतिक अवधारणाओं के साथ संख्यात्मक अवधारणाओं पर ध्यान देना जरूरी है। संख्यात्मक अवधारणाओं को अच्छे से समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करें।
अनसुलझे टॉपिकों को छोड़ना
तैयारी के दौरान अनसुलझे टॉपिकों को छोड़ने की गलती बिल्कुल न करें। जो टॉपिक आपको समझ नहीं आए, उन्हें समझने में शिक्षकों और छात्रों की मदद लें। टॉपिकों को आसान तरीके से समझने के लिए ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्नपत्र हल न करना
तैयारी के दौरान मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल न करना बेहद आम गलती है। इसकी वजह से अधिकांश उम्मीदवार सफल नहीं हो पाते। दिनभर पढ़ाई करने के साथ अभ्यास करना भी बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में पिछले साल के प्रश्नपत्रों का इस्तेमाल परीक्षा पैटर्न को समझने में करें। मॉक टेस्ट के जरिए अपने कमजोर क्षेत्रों की पहचान करें। निर्धारित समय में मॉक टेस्ट हल करने से परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन में मदद मिलेगी।
अध्ययन योजना में ब्रेक का अभाव
पाठ्यक्रम के सभी भागों को कवर करने के लिए अधिकांश छात्र एक कठोर अध्ययन योजना बना लेते हैं। इसके कारण वे अधिकांश समय मानसिक थकान महसूस करते हैं। ध्यान रखें कि एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता बनाए रखने के लिए ब्रेक लेना भी बेहद जरूरी है। अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए। बिना ब्रेक के लगातार पढ़ने की गलती न करें। पढ़ाई के घंटों की अपेक्षा गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दें।
तनाव को नजरअंदाज करना
परीक्षा तैयारी के दौरान अत्याधिक तनाव आपके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में तनाव प्रबंधन पर काम करें। एकाग्रता में सुधार लाने और परीक्षा के डर को खत्म करने के लिए योग और ध्यान (मेडिटेशन) का सहारा लें।