उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे लगभग 7,500 मदरसे, दारुल उलूम देवबंद भी शामिल
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का कार्य लगभग पूरा हो गया है और इसमें करीब 7,500 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को चिह्नित किया गया है। गैर-मान्यता मदरसों की सूची में सहारनपुर स्थित विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद का नाम भी शामिल है। दारूल उलूम देवबंद का रजिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड में नहीं है। बता दें कि जिलाधिकारियों को 15 नवंबर तक सर्वे की रिपोर्ट सरकार को भेजनी है।
राज्य के लगभग सभी जिलों में सर्वे पूरा
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सभी जिलों में मदरसों के सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 7,500 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों को चिह्नित किया गया है और जिलाधिकारी की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से इन मदरसों को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
मुरादाबाद में सबसे अधिक 585 मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सबसे ज्यादा 585 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं, वहीं सहारनपुर में 306 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे प्राप्त मिले हैं। इसके अलावा बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ में 95, मऊ में 90 और कानपुर में 85 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं और इनका डाटा भी अब राज्य सरकार के पास पहुंच चुका है।
दारूल उलूम भी हो रहा बिना मान्यता के संचालित
सहारनपुर के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने बताया कि दारुल उलूम बिना मान्यता के संचालित हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दारुल उलूम मदरसे से देशभर के 4,500 मदरसे संबद्ध हैं। इनमें से 2,100 मदरसे सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही हैं। गोंड ने कहा कि सबसे अहम यह है कि सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों ने अपना सोर्स ऑफ इनकम 'जकात' (चंदा) बताया है।
'गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे गैर-कानूनी नहीं'
गोंड के मुताबिक, सहारनपुर में 306 मदरसों का पंजीकरण नहीं है, इसलिए इन्हें सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलेगा और न ही उनके छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि ये मदरसे गैर-कानूनी नहीं, बल्कि सोसाइटी आदि में पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान धार्मिक पढ़ाई करा सकती हैं और इसी के तहत दारुल उलूम देवबंद संचालित है।
उत्तर प्रदेश में 560 मदरसों को मिलता है सरकारी अनुदान
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल नहीं लिया गया है। सरकार ने मदरसों के सर्वे के लिए मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था समेत कुल 12 बिंदु निर्धारित किए थे।