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CBSE प्रश्न पत्र के पैटर्न में कर रहा बड़ा बदलाव, जानें किस साल से होगा लागू

CBSE प्रश्न पत्र के पैटर्न में कर रहा बड़ा बदलाव, जानें किस साल से होगा लागू

Nov 27, 2019
01:04 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) छात्रों के बीच क्रिएटिव, महत्वपूर्ण और विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए 2023 तक 10वीं और 12वीं के प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बड़े बदलाव लाएगा। CBSE सचिव अनुराग त्रिपाठी ने एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM) द्वारा आयोजित स्कूल शिक्षा शिखर सम्मेलन में कहा कि यह देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए समय की आवश्यकता है। आइए जानें पूरी खबर।

बयान

2023 तक इस पर आधारित होंगे पेपर

अनुराग का कहना है कि इस वर्ष 10वीं की परीक्षा में 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Questions) और 10 प्रतिशत प्रश्न क्रिएटिव सोच पर आधारित होंगे। वहीं 2023 तक 10वीं और 12वीं के पेपर क्रिएटिव, इनोवेटिव और महत्वपूर्ण सोच पर आधारित होंगे।

वोकेशनल विषय

वोकेशनल विषयों को नहीं मिलता महत्व

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनुराग का कहना है कि भारत में वोकेशनल विषयों को ज्यादा छात्र नहीं लेते हैं। ऐसा खराब रोजगार और बाजार में स्थिरता के अभाव जैसे कारकों के कारण होता है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बुनियादी ढांचे, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों सहित स्कूली प्रणाली में प्रमुख हितधारकों के बीच उचित संबंधों को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।

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नई शिक्षा नीति

वोकेशनल विषयों को होना चाहिए मुख्य विषयों का हिस्सा

अनुराग ने सुझाव दिया कि स्कूलों को उन शिक्षकों पर अधिक समय देना चाहिए, जिन्हें ट्रेंड होने की जरूरत है और मेंटर बनने के लिए तीन से छह महीने तक तैयार होना चाहिए। नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य वोकेशनल और मुख्य विषयों के बीच के गेप को भरना है। इसके साथ ही नई नीति ने सिफारिश की है कि वोकेशनल विषयों को पांच विषयों का हिस्सा बनना चाहिए।

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CBSE निदेशक

स्कूलों को छात्रों की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए

नई शिक्षा नीति (NEP) भी बचपन की देखभाल, शिक्षक प्रशिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। बता दें कि उनके विचारों को CBSE के निदेशक बिस्वजीत साहा ने प्रतिध्वनित किया और कहा कि भारत में स्कूलों को छात्रों की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने, रोजगार पर ध्यान न देने, अनुकूली और परियोजना आधारित शिक्षा को लागू करने आदि की आवश्यकता है।

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