CBSE अब AI के साथ-साथ योगा और अन्य क्लासेस को भी करेगा अनिवार्य
शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक नया मकसद (Motto) "करके सीखना (Learning by doing)" अपनाया है। इसमें स्कूलों को अपने रोजमर्रा के पाठ्यक्रम में आर्ट्स और खेल को शामिल करना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), योग और पायथन (उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा) जैसे विषयों को पहले से ही वैकल्पिक स्किल विषयों के रूप में पेश किया गया है। ऐसा सीखने को आनंदमय बनाने के लिए किया जा रहा है।
एक खेल का पीरियड लगना होगा अनिवार्य
CBSE बोर्ड ने अभिभावकों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि नए शैक्षणिक वर्ष 2019-20 का विषय प्रायोगिक शिक्षण है। सरल शब्दों में कहें, तो प्रायोगिक शिक्षण करके सीखने की एक प्रक्रिया है। अधिगम 'सीखने की प्रक्रिया' है और प्रायोगिक शिक्षण सीखने को मजेदार बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट भी है। नए बदलावों के अनुसार स्कूलों को क्लास 1 से 12वीं तक के सभी छात्रों के लिए प्रति दिन एक खेल का पीरियड भी शामिल किया गया है।
आर्ट्स की भी लगेंगी क्लास
इसके अलावा स्कूलों को क्लास 1 से 12वीं तक की आर्ट्स के लिए प्रत्येक सप्ताह में कम से कम दो पीरियड समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक पीरियड की अवधि में आर्ट्स के अंतर्गत आने वाली सभी स्ट्रीम संगीत, नृत्य, दृश्य आर्ट्स और थिएटर शामिल होंगी। इसके अलावा 6वीं से 8वीं के छात्रों को भी कलिनेरी आर्ट्स पर भी कक्षाएं दी जाएंगी। जहां पोषण, कृषि पर अध्याया पढ़ाएं जाएंगे।
कलिनेरी आर्ट्स में होंगे ये अध्याय
कलिनेरी आर्ट्स में अन्य अध्यायों के अलावा फसलों, कीटनाशक के उपयोग, कृषि पद्धतियों और अन्य चीजों पर भी अध्याया होंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस शैक्षणिक वर्ष से 12वीं के छात्रों को अनिवार्य रूप से विषयों के अलावा उसके झुकाव और रुचि के अनुसार विषयों को चुनने की छूट प्रदान की गई है। हालाँकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उस विषय का विकल्प छात्र के स्कूल में उपलब्ध होना चाहिए।
CBSE ने AI के महत्तव को समझा
CBSE ने महसूस किया कि AI का जियो स्ट्रेटजिक महत्व है। CBSE द्वारा 8वीं, 9वीं और 10वीं छात्रों के लिए वैकल्पिक स्किल विषय के रूप में AI, योग और पायथन की शुरूआत की सभी ने सराहना की। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने का इरादा है। बोर्ड ने महसूस किया कि AI का जियो स्ट्रेटजिक महत्व है और कम उम्र में बच्चों को इन कॉन्सेप्ट के बारे में बताने का उच्च समय था।
क्या कहा बोर्ड ने
इससे पहले जारी परिपत्र में बोर्ड ने कहा था टीचिंग लर्निंग में बहु-विषयक दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए और नई पीढ़ी को भी संवेदनशील बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि स्कूल 8वीं में 12 घंटे का AI इंस्पायर मॉड्यूल शुरू कर सकता है।