
देश में सबसे ज्यादा खराब छात्र-शिक्षक अनुपात बिहार में, दूसरे नंबर पर दिल्ली
क्या है खबर?
किसी भी प्रदेश या देश को अच्छे शिक्षकों की जरुरत होती है। प्रत्येक स्कूल में पर्याप्त शिक्षक का होना बहुत जरुरी है।
हाल ही में HT में छपी एक खबर के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) के अधिकारियों का कहना है कि बिहार के स्कूलों में छात्र-शिक्षक का अनुपात (PTR) 38 है।
जी हां, इसका मतलब बिहार में 38 छात्रों के लिए एक शिक्षक है।
आइए जानें बिहार के अलावा और किस प्रदेश का कितना अनुपात है।
सिक्किम
सिक्किम में है सबसे अच्छा अनुपात
बिहार के बाद दिल्ली में छात्र-शिक्षक अनुपात सबसे खराब है। दिल्ली में छात्र-शिक्षक अनुपात 35 है।
वहीं सिक्किम ने इसमें बाजी मार ली है और सबसे अच्छा छात्र-शिक्षक अनुपात सिक्किम में हैं। सिक्किम में चार छात्रों के लिए एक शिक्षक है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने अपनी अनुसूची में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों, दोनों के लिए छात्र-शिक्षक अनुपात (PTR) निर्धारित किया है।
प्राथमिक स्तर पर PTR का मानदंड 30:1 और उच्च प्राथमिक स्तर पर 35:1 है।
बयान
HRD मंत्रालय के अधिकारी ने कहा ये
HRD मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिहार में 39 का PTR है, जबकि दिल्ली में 34 का PTR है। प्राथमिक विद्यालयों में बिहार का PTR 38 और दिल्ली में PTR 35 है।
स्कूलों की संख्या
इतने स्कूलों में नहीं है सही PTR
इसके साथ ही अधिकारी ने कहा है कि बिहार में 67.94 प्रतिशत प्राथमिक स्कूल और 77.86 प्रतिशत उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात सही नहीं है।
वहीं झारखंड में 50.28 प्रतिशत प्राथमिक स्कूल और 64.24 प्रतिशत उच्च प्राथमिक स्कूलों में खराब PTR हैं।
देश के 26.45 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों और 31.07 प्रतिशत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अच्छा छात्र-शिक्षक अनुपात नहीं है।
Samagra Shiksha
केंद्र सरकार ने शुरू की थी Samagra Shiksha योजना
केंद्र सरकार ने 2018-19 से स्कूल शिक्षा के लिए "Samagra Shiksha" नाम की एक एकीकृत योजना शुरू की थी।
Samagra Shiksha के तहत केंद्र राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्धारित मानदंडों के अनुसार उपयुक्त छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए सहायता प्रदान करता है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार लगातार विभिन्न तरह से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षकों की भर्ती और पुनर्वितरण के मामले को आगे बढ़ा रही है।