BHU में इफ्तार पार्टी पर छात्रों का हंगामा, कुलपति का पुतला फूंका
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में कुलपति की तरफ से इफ्तार पार्टी के आयोजन पर छात्रों ने हंगामा किया और कुलपति का पुतला फूंका। हंगामा करने वाले छात्रों ने कहा कि BHU में पिछले पांच साल से इफ्तार का आयोजन नहीं हुआ है और पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया है। छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कुलपति को इफ्तार में शामिल होना है तो वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय या जामिया मिलिया इस्लामिया चले जाएं।
महिला महाविद्यालय में हुआ था रोजा इफ्तार का आयोजन
ANI के मुताबिक, बुधवार को BHU के महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार की पार्टी में कुलपति प्रो सुधीर कुमार जैन के साथ ही सहित अन्य अधिकारी और शिक्षक शामिल हुए। छात्रों ने बताया कि लंबे समय से रोजा इफ्तार जैसा कोई आयोजन विश्वविद्यालय में नहीं हो रहा था और अचानक ऐसा करना उचित नहीं है। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय को मजहबी रंग देने की कोशिश की जा रही है।
इफ्तार की तस्वीरें सामने आने के बाद छात्रों का प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला महाविद्यालय में हुई इफ्तार पार्टी की तस्वीरें सामने आने के बाद छात्रों का एक गुट कुलपति आवास के बाहर पुतला दहन करने पहुंच गया और इस दौरान छात्र नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पूर्व कुलपति गिरीश चंद त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में नवरात्रि के समय फलाहार की परंपरा शुरू की थी, लेकिन उस परंपरा को खत्म करके इफ्तार की नई परंपरा शुरू की जा रही है।
'कोरोना वायरस महामारी के कारण सिर्फ दो साल नहीं हुआ था इफ्तार पार्टी का आयोजन'
दैनिक भास्कर से बात करते हुए विश्वविद्यालय के पूर्व अधिकारियों ने बताया कि इफ्तार पार्टी का आयोजन विगत दो साल से कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद था, इस बार फिर से शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, "यह विश्वविद्यालय की बहुत पुरानी परंपरा है और कोई नई परंपरा अभी शुरू नहीं की गई है।" इफ्तार पार्टी के दौरान कुलपति ने छात्राओं से संवाद कर महिला महाविद्यालय के विकास और छात्राओं के लिए बेहतर सुविधाओं के लिए प्रतिबद्धता जताई।
देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हुई थी इफ्तार पार्टी- चीफ प्रॉक्टर
BHU के चीफ प्रॉक्टर भुवन चंद्र कापड़ी ने कहा कि यहां अलग-अलग धर्मों के हजारों छात्र अध्ययन करते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे में रमजान के पाक माह में रोजा इफ्तार की पार्टी किसी धर्म विशेष को उकसाने की बजाय गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी। हमें किसी प्रकार का कोई दुख नहीं है। बल्कि हमारा विश्वविद्यालय, यहां का टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ इसको आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।"