उत्तर प्रदेश में MBBS की 1,300 सीटें बढ़ीं, जल्द शुरू होंगे 13 नए मेडिकल कॉलेज
उत्तर प्रदेश के मेडिकल शिक्षा विभाग ने आज 14 मार्च को बड़ी घोषणा की। विभाग की ओर से राज्य के मेडिकल कॉलेजों में 1,300 नई MBBS सीटें जोड़ने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही साल 2023-24 से प्रदेश में 13 नए मेडिकल कॉलेज भी शुरू होंगे। इस घोषणा के बाद मेडिकल क्षेत्र में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं में खुशी की लहर है। सीटों में वृद्धि से विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे।
क्या है सरकार का फैसला?
मेडिकल शिक्षा निदेशालय (DME) ने ट्वीट कर लिखा कि मेडिकल शिक्षा और करियर को नई उड़ान सुनिश्चित करते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा। उसने कहा, "राज्य के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की 1,300 सीटें बढ़ाई जाएंगी और नए सत्र 2023-24 से नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे। इस फैसले के बाद राज्य में बेहतर शिक्षा और सुविधाओं तक पहुंच बढ़ जाएगी।"
किन 13 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज?
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 13 नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाए गए हैं, उनमें बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा, कानपुर देहात, कौशांबी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और औरैया शामिल हैं। प्रत्येक कॉलेज में 100-100 सीटें हैं। अभी प्रदेश में कुल 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इन नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन शुरू होने के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 48 हो जाएगी।
MBBS सीटों की संख्या बढ़कर हुई 5,128
मेडिकल शिक्षा विभाग की घोषणा के बाद अब राज्य में कुल MBBS सीटों की संख्या बढ़कर 5,128 हो गई है। पहले राज्य में केवल 3,828 MBBS सीटें थीं। 13 नए मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति कर दी गई है। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही इन कॉलेजों का संचालन शुरू करेगी। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से संचालित मेडिकल कॉलेजों में MBBS सीटों पर प्रवेश DME द्वारा आयोजित NEET UG काउंसलिंग से किया जाता है।
प्रदेश में मेडिकल शिक्षा बेहतर बनाने पर हो रहा काम
उत्तर प्रदेश में लगातार मेडिकल शिक्षा बेहतर बनाने पर काम हो रहा है। प्रदेश में पिछले कुछ सालों में मेडिकल कॉलेजों और MBBS सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रदेश के कुछ जिलों में निजी-सरकारी पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर भी मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कवायद जारी है। मेडिकल कॉलेज खुलने से एक तरफ छात्रों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।