
क्या है उबर फाइल्स, जिसमें सामने आईं कंपनी की कई अनैतिक और आपत्तिजनक गतिविधियां?
क्या है खबर?
एक डाटा लीक के विश्लेषण में कैब सर्विस प्रदाता कंपनी उबर के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
इन "उबर फाइल्स" की जांच में सामने आया है कि कंपनी ने भारत समेत दुनियाभर में अपना कारोबार बढ़ाने के लिए अनैतिक साधनों का इस्तेमाल किया।
कंपनी पर बड़े पैमाने पर लॉबिंग करने और रेगुलेटर्स को चकमा देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने का आरोप है।
उबर फाइल्स क्या हैं और इनमें क्या-क्या सामने आया, आइए जानते हैं।
परिचय
क्या है उबर फाइल्स?
उबर फाइल्स एक 182GB का डाटा लीक है जिसे ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन ने एक अनाम स्त्रोत से प्राप्त किया है।
ये डाटा 2013 से 2017 के बीच का है और इसमें कंपनी के आंतरिक ईमेल, मेमो, व्हाट्सऐप चैट और प्रजेंटेशन आदि से संबंधित 1.24 लाख रिकॉर्ड हैं।
इन्हीं रिकॉर्ड का विश्लेषण करने पर पता चला है कि कैसे उबर ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए अनैतिक साधनों का इस्तेमाल किया और कानूनों को चकमा दिया।
भारत
भारत में उबर ने क्या-क्या किया?
भारत से संबंधित जानकारियों की बात करें तो रेगुलेशन से संबंधित मुद्दों से बचने के लिए उबर ने देश में बड़े पैमाने पर लॉबिंग की। उसने नीतियों को प्रभावित करने के लिए नौकरशाहों से लेकर राजनेताओं तक तमाम हितधारकों को भी प्रभावित करने की कोशिश।
इसके अलावा उसका भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), आयकर विभाग और सेवा कर विभाग जैसे रेगुलेटर्स से टकराव भी हुआ।
कंपनी ने कई राज्यों के साथ समझौते भी किए, लेकिन ये जमीन पर नहीं उतर पाए।
सुरक्षा
दिल्ली में कैब में रेप के बाद भी नहीं उठाए गए ठोस कदम
उबर फाइल्स के अनुसार, कंपनी ने 2014 में दिल्ली में उसकी कैब में हुए रेप के मामले को बेहद खराब तरीके से संभाला।
जब शहर में उसकी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो उसने अपनी गलती मानने की बजाय भारत के लाइसेंसिंग सिस्टम और खराब बैकग्राउंड चेक पर दोष मढ़ा।
कंपनी ने कैब्स को पुलिस से दूर रखने के लिए 'जियोफेंसिंग' जैसे टूल्स का भी इस्तेमाल किया। कई कैब में "पैनिक बटन" जैसे फीचर्स आजतक मौजूद नहीं हैं।
जांच प्रभावित
स्थानीय टीम से कनेक्शन काट किया गया जांच को प्रभावित करने का प्रयास
उबर ने भारत में जांच को प्रभावित करने का प्रयास भी किया। इसके लिए उसने "किल स्विच" नामक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जिसमें कंपनी अपने मुख्यालय से स्थानीय सिस्टम को बंद कर देती है।
फरवरी, 2015 के एक आंतरिक ईमेल के अनुसार, कंपनी मुख्यालय स्थानीय टीम का कनेक्शन काट देता था, लेकिन दर्शाता था कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
इस बटन का इस्तेमाल 13 बार किया गया। कई बार तो छापे के दौरान इसका इस्तेमाल हुआ।
सफाई
उबर ने पूरे मामले पर क्या कहा है?
उबर ने इन विवादों पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है।
उबर इंडिया ने अपने एक बयान में कहा, "हम लंबे समय से ऐसे नियमों और रेगुलेशन के पक्षधर रहे हैं जो बदलती तकनीक और राइडर्स और ड्राइवर्स के हितों को समान माने। एक कैटेगरी-डिफाइनिंग कंपनी के तौर पर हम ऐसे प्रगतिशील रेगुलेशन का स्वागत और समर्थन करते हैं जो राइडर्स, ड्राइवर्स और शहरों के लिए अच्छा हो।"
उबर कंपनी
न्यूजबाइट्स प्लस
2013 में शुरूआत करने वाली उबर कंपनी का कारोबार फिलहाल 44 अरब डॉलर का है और दुनियाभर के करीब 72 देशों में इसकी सेवाएं संचालित हो रही हैं।
भारत में कंपनी के साथ छह लाख ड्राइवर और पार्टनर जुड़े हुए हैं और अभी तक यह 9.5 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान कर चुकी है।
2013-17 में को-फाउंडर ट्रैविस कलानिक के कार्यकाल के दौरान कंपनी ने कई नियमों का उल्लंघन किया था। उबर फाइल्स इन्हीं उल्लंघनों के बारे में हैं।