RBI ने 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, 6.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने त्योहारों के बीच मौद्रिक नीति समीति (MPC) की बैठक में लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया। RBI गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय समिति ने दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी है। इस बार दर कम होने की उम्मीद थी। हर दूसरे महीने होने वाली 3 दिवसीय बैठक में रेपो रेट पर 6-5 बहुमत से निर्णय हुआ। RBI ने अप्रैल, 2023 से दर नहीं बदली है।
पिछले साल फरवरी में कम हुई थी दरें
RBI ने पिछले साल फरवरी में अंतिम बार रेपो रेट में बदलाव किया था और 25 बेसिस पॉइंट्स बढ़ाकर इसे 6.50 कर दिया था। बैंक ने महंगाई पर नियंत्रण के लिए मई, 2022 से फरवरी, 2023 तक रेपो रेट में कुल 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। मई, 2022 से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत थी, जो फरवरी, 2023 में 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई। रेपो रेट न बढ़ने से फिलहाल ब्याज स्थिर रहेगी, न वो बढ़ेगी और न घटेगी।
अमेरिका के दरें घटाने से बढ़ी थी उम्मीद
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने पिछले महीने ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की थी, जिससे भारत समेत अन्य देशों में इसका सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद थी। लेकिन RBI ने रेपो रेट में कोई कमी न करके साफ कर दिया है कि उसका फैसला घरेलू आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करेगा। अभी खुदरा महंगाई दर RBI के लक्ष्य के हिसाब से 4 प्रतिशत के करीब है। अगर महंगाई पर काबू रहा तो दिसंबर की बैठक में राहत मिलेगी।
क्या है रेपो रेट?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, लोगों की तरह बैंक भी जरूरत पड़ने पर RBI से लोन लेते हैं और तय रेपो रेट के अनुसार ब्याज देते हैं। रेपो रेट अर्थव्यवस्था में सबसे अहम है।