
MTNL बैंकों का 8,300 करोड़ रुपये लोन देने से चूकी, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने कई बैंकों का 8,300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण चुकाने में चूक की है।
MTNL ने नियामक फाइलिंग में कहा है कि उसने 7 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए 8,346.24 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाया है।
घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी का कुल ऋण दायित्व 31 मार्च तक 33,568 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
बैंक
इन बैंकों का है बकाया
एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने खुलासा किया है कि कुल ऋण चूक में यूनियन बैंक से लिया गया 3,633.42 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक का 2,374.49 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया का 1,077.34 करोड़ रुपये शामिल है।
इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक का 464.26 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का 350.05 करोड़ रुपये, यूको बैंक के 266.30 करोड़ रुपये के साथ मूलधन और ब्याज भुगतान सहित 180.3 करोड़ रुपये शामिल हैं।
कुल ऋण
इतना है MTNL का कुल ऋण
फाइलिंग के अनुसार, कंपनी पर कुल ऋण में 8,346 करोड़ रुपये का बैंक ऋण, 24,071 करोड़ रुपये का सॉवरेन गारंटी (SG) बॉन्ड शामिल है।
इसके अलावा SG बॉन्ड ब्याज का भुगतान करने के लिए दूरसंचार विभाग (DOT) को दिया जाने वाला 1,151 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है।
ऋण भुगतान में चूक अगस्त, 2024 से फरवरी, 2025 के बीच हुई है। बार-बार डिफॉल्ट होने से पता चलता है कि टेलीकॉम ऑपरेटर के पास नकदी की भारी कमी है।