मेटा के कार्यालयों में पुरुष बाथरूम से हटाए गए टैम्पोन, मार्क जुकरबर्ग ने दिए आदेश
क्या है खबर?
मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के कार्यालयों में पुरुषों के बाथरूम से टैम्पोन (मासिक धर्म में इस्तेमाल होने वाला उत्पाद) को हटाने का आदेश दिया है।
इन्हें पहले गैर-बाइनरी और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों के उपयोग के लिए रखा गया था। इस फैसले को कंपनी की नई रणनीति और हालिया प्रशासनिक दिशा में उठाए गए कदमों के रूप में देखा जा रहा है।
इसके अलावा भी जुकरबर्ग ने कंपनी की नीतियों में कई अन्य बदलाव किए हैं।
नाराजगी
कमर्चारियों में बढ़ रहा असंतोष
मेटा से जुड़े 2 कर्मचारियों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) को बताया कि मेटा के सिलिकॉन वैली, टेक्सास और न्यूयॉर्क कार्यालयों में बाथरूम से टैम्पोन और सैनिटरी पैड हटाने का निर्देश दिया गया था।
इस फैसले ने लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर (LGBTQ+) समुदाय के कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा कर दिया है।
आंतरिक कम्युनिकेशन चैनल्स पर कई कर्मचारियों ने नाराजगी व्यक्त की, जबकि कुछ ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वे नई नौकरी की तलाश करेंगे।
फैसले
कंपनी ने यह भी कदम उठाया
मेटा के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कैपलन ने इस कदम को 'कंपनी की प्रतिभा-आधारित नियुक्ति प्रक्रिया' का हिस्सा बताया है।
उनका कहना है कि अब कंपनी उम्मीदवारों का मूल्यांकन उनकी व्यक्तिगत क्षमताओं के आधार पर करेगी, न कि उनकी नियुक्ति नस्ल, लिंग या अन्य विशेषताओं के आधार पर की जाएगी।
कर्मचारियों के अनुसार, मेटा ने प्रमुख विविधता, समानता और समावेशन (DEI) प्रोग्राम को बंद कर दिया है और अपने मैसेंजर ऐप से ट्रांसजेंडर और गैर-बाइनरी थीम को हटा दिया।
बढ़ावा
स्वतंत्र अभिव्यक्ति काे देगी बढ़ावा
इस सप्ताह की शुरुआत में जुकरबर्ग ने घोषणा की थी कि मेटा अपने विवादास्पद फैक्ट-चेकिंग प्रथाओं को समाप्त करेगा और फेसबुक, इंस्टाग्राम और मेटा के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर 'स्वतंत्र अभिव्यक्ति' को बढ़ावा देगी।
LGBTQ+ समुदाय के अलावा, इस फैसले की सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना हो रही है, जबकि कुछ लोगों ने मेटा की नई नीति का समर्थन किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।