इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए और इसका इस्तेमाल कैसे करें?

पूरा विश्व कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन और बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संकट से गुजरा है। ऐसे में लोगों के रोजगार ठप हो गए, लाखों लोग बेरोजगार हो गए, ना जाने कितने लोगों को कम वेतन पर गुजारा करना पड़ा है। ऐसे ही समस्याओं से बचने के लिए आप इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए और इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, आइए समझते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी शख्स के पास कम से कम चार से छह महीनों तक का इमरजेंसी फंड होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर समझें अगर कोई शख्स हर महीना 50,000 रुपये महीना कमाई करता है तो उस शख्स को कम से इमरजेंसी फंड के रूप में दो लाख रुपये से लेकर तीन लाख रुपये तक जोड़ कर रखने चाहिए। आपात स्थिति में यह फंड आपकी जरूरतों को पूरा करेगा।
फंड के इस्तेमाल को लेकर ज्यादातर विशेषज्ञों की एक ही राय है। इसका इस्तेमाल करते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जब तक आपके पास नौकरी नहीं है, तब तक आपका सहारा इमरजेंसी फंड ही होगा। फंड का इस्तेमाल करते समय हमेशा कंजूसी दिखानी चाहिए, ताकि फंड लंबी अवधि तक चल सके। जब तक नौकरी मिल नहीं जाती, तब तक फंड का खर्च मेडिकल इमरजेंसी पर, कम कमाई पर, बच्चों की पढ़ाई जैसी जरूरतों पर करना चाहिए।
इमरजेंसी फंड के पैसों की सुरक्षा को लेकर विशेषज्ञ कहते हैं कि पैसों को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां से आप इसे आसानी से जरूरत के समय प्राप्त कर सकें। चाहे ये पैसा आपके पास नकदी के रूप में या सेविंग बैंक अकाउंट के रूप में जमा हों। फिक्सड डिपॉजिट (FD), लिक्विड म्युचुअल फंड में भी आप इमरजेंसी फंड का निवेश कर सकते हैं, क्योंकि यहां से पैसा निकालना आसान होता है।
कुछ लोग ऐसे होते हैं कि एक बार इमरजेंसी फंड के नाम पर पैसा जमा कर देते हैं, उसके बाद उस पर ध्यान नहीं देते। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञ कहते हैं कि बढ़ती महंगाई के साथ-साथ आप अपने इमरजेंसी फंड में पैसा बढ़ाते रहें ताकि समय आने पर आपको जरूरत के अनुसार पर्याप्त फंड मिल सके। इसलिए आप जो इमरजेंसी फंड तैयार कर रहे हैं तो उसमें समय के अनुसार बढ़ोतरी भी करते रहें।