सिंगुर-नैनो प्लांट मामला: टाटा मोटर्स को बंगाल सरकार देगी 766 करोड़ रुपये मुआवजा
टाटा मोटर्स सिंगूर प्लांट जमीन विवाद मामले में 766 करोड़ रुपये मुआवजा वसूलने की हकदार हो गई है। कंपनी ने शुरू में टाटा नैनो के उत्पादन के लिए सिंगूर में प्लांट बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा। मध्यस्थता प्रक्रिया में टाटा मोटर्स लिमिटेड (TML) और पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (WBIDC) शामिल थे। TML ने प्लांट निर्माण में पूंजी निवेश के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की थी।
तीन सदस्यीय कमेटी ने सुनाया फैसला
तीन सदस्यों वाले मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने सर्वसम्मति से टाटा मोटर्स के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे लंबित कार्यवाही प्रभावी ढंग से पूर्ण हो गई। कंपनी की एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि टाटा मोटर्स WBIDC से 11% प्रति वर्ष की ब्याज दर से 765.78 करोड़ रुपये की राशि वसूलने की हकदार है। बता दें कि WBIDC पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन कार्य करने वाली एजेंसी है।
क्या था पूरा मामला?
18 मई, 2006 को टाटा ने घोषणा की थी कि वे पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा नैनो का प्लांट लगाएंगे। तब राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य थे। इसके बाद किसानों ने विरोध किया कि प्लांट के लिए उनसे जमीन छीनी गई है। तब वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्ष में थीं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट का जमकर विरोध किया था। सत्ता में आते ही उन्होंने करीब 1,000 एकड़ जमीन वापस किसानों को लौटा दी थी। जिसके बाद टाटा सुप्रीम कोर्ट पहुंची।