
कर्ज न चुकाने पर यस बैंक ने किया अनिल अंबानी समूह के मुख्यालय पर कब्जा
क्या है खबर?
यस बैंक ने लोन चुकता न करने पर अनिल अंबानी समूह के मुंबई स्थित मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है। बुधवार को एक अखबार में प्रकाशित नोटिस के अनुसार, बैंक ने दक्षिण मुंबई स्थित दो फ्लैट पर भी कब्जा किया है।
बता दें कि यस बैंक का अनिल अंबानी समूह पर लगभग 2,900 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसे वसूलने के लिए वह उसकी संपत्ति पर कब्जा कर रहा है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
खुद आर्थिक संकट में चल रहे यस बैंक ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) को 2,892.44 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। आर्थिक तंगी और दिवालिया होने के कारण समूह ये कर्ज चुका नहीं पाया, जिसके बाद बैंक उसकी संपत्ति पर कब्जा कर रही है।
मुंबई के सेंटा क्रूज स्थित ADAG के जिस मुख्यालय पर बैंक ने कब्जा किया है, वह 21,432 वर्ग मीटर का है और समूह की लगभग सभी कंपनियां यहीं से काम करती थीं।
नोटिस
बैंक ने आम जनता से तीनों संपत्तियों से दूर रहने को कहा
इसके अलावा यस बैंक ने 1,717 वर्ग फुट और 4,936 वर्ग फुट के जिन दो फ्लैट पर कब्जा किया है, वे दक्षिण मुंबई के नगीन महल में स्थित हैं। बैंक ने लोगों से इन तीनों संपत्तियों से संबंधित कोई भी सौदा नहीं करने को कहा है और ऐसा करने पर उनसे 2,892 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी।
बता दें कि ADAG ने पिछले हफ्ते कर्ज चुकाने के लिए अपने मुख्यालय को किराए पर उठाने की कोशिश भी की थी।
जानकारी
समूह को दिया गया था 5 मई तक का समय
बैंक ने कहा कि उसने इस कार्रवाई से पहले ADAG को कर्ज चुकाने के लिए 60 दिन दिए थे, जिसकी समय सीमा 5 मई को समाप्त हो गई। समूह के तय तारीख तक कर्ज न चुकाने के कारण अब उस पर कार्रवाई की गई है।
नुकसान
कई सालों से गर्दिश में चल रहा है अनिल अंबानी का सितारा
कभी देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल रहे अनिल अंबानी के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं और पिछले कुछ साल में उनकी कई कंपनियां दिवालिया हो गई हैं।
उनकी संपत्ति में 2008 की आर्थिक मंदी के बाद गिरावट आना शुरू हुआ था और एक साल ही में उनकी संपत्ति 42 बिलियन डॉलर से गिरकर 10 बिलियन डॉलर रह गई।
फोर्ब्स के मुताबिक, 2019 में उनकी कुल संपत्ति मात्र 1.5 बिलियन डॉलर रह गई।
बैंक
ADAG जैसी कंपनियों के लोन न चुकाने के कारण आर्थिक संकट में है यस बैंक
यस बैंक खुद भी आर्थिक संकट में चल रहा है और इसका एक मुख्य कारण ADAG जैसी कंपनियों का कर्ज न चुकाना है। इसके अलावा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL), एस्सेल समूह, वोडाफोन और ILFS आदि ने भी बैंक से लिया कर्ज नहीं चुकाया था जिसके कारण बैंक पर नॉन-परफॉर्मिंग असेट (NPA) का बोझ बढ़ गया था।
बैंक को बचाने के लिए मार्च में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था।