देश में इस साल बंद हुए 34,848 स्टार्टअप्स, पिछले साल से लगभग दोगुनी संख्या
देश में स्टार्टअप्स के लिए यह साल काफी चुनौतीपूर्ण भरा रहा। निवेशकों से पैसा ले पाने में नाकाम रहे हजारों स्टार्टअप्स को इस साल तालें लगे हैं, वहीं कुछ को अपनी जेब देखते हुए संचालन को सीमित करना पड़ा है। देश में इस साल 34,848 स्टार्टअप्स बंद हुए हैं। बाजार पर नजर रखने वाली एक निजी कंपनी ट्रेक्शन के मुताबिक, पिछले साल यह संख्या 18,049 थी। यानी इस साल लगभग दोगुने स्टार्टअप्स बंद हुए हैं।
फंड जुटा चुके स्टार्टअप भी हुए बंद
इस साल बंद हुए स्टार्टअप्स में से कुछ ऐसे हैं, जिन्हें कोई फंड नहीं मिला तो कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने निवेशकों से करोड़ों रुपये उठाए थे। इ सके अलावा इस सूची में नियामकीय अंकुश के चलते और अपनी वित्तीय गड़बड़ियों के चलते बंद होने वाले स्टार्टअप्स भी शामिल हैं। बंद हुए स्टार्टअप्स में सबसे बड़े नाम जेस्टमनी, क्विजी, स्ट्राइकर, गोमैकेनिक और पिलो आदि हैं। इन्होंने कई राउंड में करोड़ों रुपये का फंड जुटाया था।
कुछ स्टार्टअप्स ने वापस लौटाया फंड
एस्सेल और एलिवेशन की मदद वाले अनार स्टार्टअप पर नवंबर में ताला लग गया था। इसने कई बिजनेस मॉडल के साथ प्रयोग किया, लेकिन कोई भी इसके लिए कामयाब नहीं हुआ। इसके बाद को-फाउंडर ने निवेशकों को पैसा लौटा दिया था। इसी तरह एडटेक स्टार्टअप फ्रंटरो ने भी कई प्रयोग किए, लेकिन उनमें से कोई सफल नहीं हुआ, जिसके बाद निवेशकों के पैसे लौटा दिए गए। BYJU'S समेत कई ऐसे भी स्टार्टअप रहे, जिन पर कानूनी कार्रवाई चल रही है।