स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने शुरू की छंटनी, हजारों कर्मचारियों को निकाला
चीन की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में से एक शाओमी ने छंटनी शुरू कर दी है। चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के हवाले से हांगकांग के एक अखबार ने यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि कंपनी के स्मार्टफोन और बिजनेस सर्विस के कई विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इससे जुड़ी हजारों पोस्ट देखी जा सकती हैं।
15 प्रतिशत कर्मचारियों की होगी छंटनी
30 सितंबर तक शाओमी में 35,314 कर्मचारी काम कर रहे थे और इनमें से अधिकतर चीन स्थित संयंत्रों में तैनात थे। कंपनी ने 15 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है, जिससे हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे। बताया जा रहा है कि कंपनी उन कर्मचारियों को भी पिंक स्लिप थमा रही है, जिन्हें पिछले साल भर्ती किया गया था। कंपनी ने बीते साल कारोबार में आए उछाल को देखते हुए बड़े स्तर पर भर्ती की थी।
शाओमी का इस पर क्या कहना है?
कंपनी ने सीधे तौर पर छंटनी को लेकर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कहा कि कुछ नियमित बदलाव किए गए हैं। इससे प्रभावित कर्मियों की संख्या कुल कार्यबल के 10 प्रतिशत से भी कम है और इन्हें उचित मुआवजा दिया गया है।
कम हुआ है कंपनी का राजस्व
शाओमी ने पिछले महीने बताया कि उसे तीसरी तिमाही में 9.7 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके पीछे चीन की कड़ी जीरो-कोविड नीति और कमजोर मांग को वजह माना गया था। कंपनी की कुल बिक्री में 60 प्रतिशत राजस्व स्मार्टफोन से आता है और इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इस साल की शुरुआत के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में प्रवेश को तैयार शाओमी
स्मार्टफोन बनाने के लिए जाने जाने वाली शाओमी अब इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में प्रवेश की तैयारी कर रही है। जून में कंपनी ने ऐलान किया था कि वह अगले 10 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में 700 अरब रुपये निवेश करेगी। 100 से ज्यादा देशों में व्यापार करने वाली शाओमी 2024 में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन शुरू करने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
कई बड़ी कंपनियां कर चुकी हैं छंटनी
वैश्विक मंदी की आहट को देखते हुए शाओमी से पहले कई कंपनियां छंटनी कर चुकी हैं। हालिया दिनों में मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, जोमेटो, अल्फाबेट, HP और ट्विटर समेत कई बड़ी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इन कंपनियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, ऊंची ब्याज दरें, मंदी का भय, निवेश के लिए कम पैसा और स्टार्टअप के लिए फंडिंग की कमी को देखते हुए छंटनी करना जरूरी हो गया है।
वैश्विक मंदी की आशंका जाहिर कर चुका है IMF
सितंबर में जारी अपनी रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक मंदी की आशंका व्यक्त की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि महामारी के चरण को छोड़ दें तो साल 2001 के बाद से फिलहाल वैश्विक विकास दर सबसे कमजोर है। यह अनुमान सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण मंदी को दर्शाता है। IMF अधिकारियों ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आने का खतरा बढ़ गया है।