2023 में दुनिया को करना पड़ सकता है आर्थिक मंदी का सामना- रिपोर्ट
ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनस रिसर्च (CEBR) ने अपनी एक रिपोर्ट में 2023 में वैश्विक आर्थिक मंदी आने का अनुमान लगाया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल नामक अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में ये मंदी आएगी। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 100 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गई, लेकिन 2023 में इसमें रुकावट आएगी।
रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है?
अपनी सालाना रिपोर्ट में CEBR ने कहा, "इस बात की संभावना है कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि के कारण अगले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी का सामना करना पड़े।" रिपोर्ट के अनुसार, "महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी जीती नहीं गई है। हमारी आशंका है कि आर्थिक नुकसान के बावजूद केंद्रीय बैंक अपने पथ पर चलते रहेंगे। महंगाई को नीचे लाने की कीमत अगले कुछ सालों के लिए कम आर्थिक विकास है।"
चीन 2036 में बनेगा दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था
CEBR ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि चीन 2036 तक अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। कंपनी ने पहले 2028 में चीन के दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की बात कही थी, लेकिन बाद में इसे बदल कर 2030 और अब 2036 कर दिया गया है। जीरो कोविड नीति और पश्चिमी देशों के साथ टकराव को इस बदलाव का कारण बताया गया है।
भारत के 2032 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान
CEBR की रिपोर्ट में भारत के 2032 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान भी लगाया गया है। 2035 तक भारत के 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की बात भी कही गई है। अन्य देशों की बात करें तो अगले 15 साल तक यूनाइटेड किंगडम (UK) छठवीं और फ्रांस सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहेंगे, हालांकि UK का अन्य यूरोपीय देशों से अधिक तेजी से विकास करना थम जाएगा।
IMF और विश्व बैंक भी जता चुके हैं वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका
बता दें कि CEBR से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक भी 2023 में वैश्विक आर्थिक मंदी आने का अनुमान लगा चुके हैं। अक्टूबर में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में IMF ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट हो सकती है। इसी तरह सितंबर में जारी की गई अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने भी कहा था कि अगले साल दुनिया में आर्थिक मंदी आ सकती है।