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    भारत में क्यों अवैध है गाड़ियों में बुल बार या क्रैश गार्ड लगाना? जानें नियम
    भारत में इन कारणों से प्रतिबंधित है बुल गार्ड लगाना

    भारत में क्यों अवैध है गाड़ियों में बुल बार या क्रैश गार्ड लगाना? जानें नियम

    लेखन सोनाली सिंह
    Mar 24, 2022
    10:30 pm

    क्या है खबर?

    कारों में लगाए जाने वाले बुल बार या क्रैश गार्ड गाड़ियों में लगाए जाने वाले किसी सेफ्टी फीचर्स की तरह लग सकते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इसे किसी भी भारतीय गाड़ी में लगाने से यह न सिर्फ अवैध माना जाएगा बल्कि आप पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

    इसे भारत में प्रतिबंधित करने के बहुत से कारण हैं पर मोटे तौर पर समझा जा सकता है कि इसे लगाने से लाभ से कहीं अधिक जोखिम है।

    कारण #1

    क्यों प्रतिबंधित हैं बुल बार या क्रैश गार्ड?

    माना जाता है कि बुल गार्ड दुर्घटना के समय गाड़ी को होने वाले नुकसान को रोक सकता है, पर ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि यह गाड़ी के कई अन्य उपकरणों की सुरक्षा कार्य को बाधित कर सकता है।

    चूंकि बुल बार सीधे गाड़ी के चेसिस से जुड़ा होता हैं, इससे टक्कर का प्रभाव सीधे चेसिस पर आता है। इससे क्रंपल जोंन सही से काम नहीं करता है और पूरा प्रभाव पैसेंजर पर आता है।

    इसके कई अन्य नुकसान भी हैं।

    कारण #2

    एयरबैग खुलने में होती है बाधा

    गाड़ी पर लगा बुल बार या क्रैश गार्ड दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग को समय पर खुलने में बाधा डालता है।

    चूंकि प्रभाव गार्ड पर होता है न कि वाहन के फ्रंट सेंसर पर तो इसकी बहुत संभावना रहती है कि फ्रंट एयरबैग बिल्कुल भी न खुले या देर से खुले।

    इसका मतलब है कि इससे सुरक्षा सुविधा चूक सकती है और चालक का सिर स्टीयरिंग व्हील से टकराकर चोटिल हो सकता है।

    कारण #3

    पैदल यात्रियों के लिए ज्यादा खतरनाक है बुल बार

    अगर कोई पैदल यात्री बुल गार्ड या क्रैश गार्ड से टकरा जाता है, तो उसके गंभीर चोट और मृत्यु की संभावना काफी बढ़ जाती है।

    बुल बार और क्रैश गार्ड ठोस धातु से डिजाइन किये जाते हैं, जिसकी वजह से ये टकराव के बल को अवशोषित करने के बजाय पैदल चलने वालों पर हस्तांतरित करते हैं।

    इसके विपरीत, बंपर और ग्रिल इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि प्रभाव का बल अवशोषित हो।

    कारण #4

    क्रंपल जोन को करता है प्रभावित

    आमने-सामने की टक्करों को रोकने के लिए गाड़ियों के सामने क्रंपल जोन फीचर लगाए जाता है।

    यह फीचर टक्कर की ऊर्जा को अपने अंदर अवशोषित कर लेता है, जिससे दुर्घटना के समय यात्री और वाहन को कम नुकसान होता है और अंदर के व्यक्तियों को कम झटके और चोट लगती हैं।

    वहीं, बुल बार की वजह से चेसिस को वितरित बल लगता है। इससे क्रंपल जोन सही से काम नहीं करता है और पैसेंजर सुरक्षा पर खतरा पैदा होता है।

    जुर्माना

    बुल बार या क्रैश गार्ड को लगाने से लग सकता है जुर्माना

    भारत सरकार ने वाहनों पर किसी भी प्रकार के क्रैश गार्ड या बुल बार को प्रतिबंधित करने के लिए 2017 में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया था। इसके तहत इन्हे लगाना अवैध है।

    साथ ही नियम का उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    इन सबके अलावा अगर तब भी आप इन गार्ड्स का इस्तेमाल करते हैं तो पकड़े जाने पर पुलिस उन गार्ड्स को मौके पर ही हटाना सुनिश्चित करेगी।

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