
दिल्ली की नई EV नीति का आम जनता पर क्या पड़ेगा असर?
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 'EV पॉलिसी 2.0' का मसौदा जारी किया है।
यह नीति अगस्त, 2020 में शुरू हुई पहली EV नीति की अगली कड़ी है। पहले 2024 तक 25 प्रतिशत वाहनों को EV में बदलने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक सिर्फ 13-14 प्रतिशत ही संभव हो पाया है।
नई नीति में अब 2027 तक 95 प्रतिशत नए पंजीकरण इलेक्ट्रिक वाहनों के करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे प्रदूषण भी कम होगा।
बाइक
पेट्रोल और CNG बाइकें अब नहीं बिकेंगी
मसौदा नीति कहती है कि 15 अगस्त, 2026 के बाद दिल्ली में पेट्रोल और CNG से चलने वाले दोपहिया वाहन जैसे हीरो स्प्लेंडर और बजाज फ्रीडम की बिक्री बंद हो जाएगी।
ये दोनों बाइकें अभी दिल्ली की सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ियों में शामिल हैं।
बजाज ने हाल ही में CNG से चलने वाली बजाज फ्रीडम लॉन्च की थी, जिसकी बिक्री अच्छी रही, लेकिन नई नीति के बाद ये गाड़ियां बाजार में नहीं मिलेंगी।
ऑटो
ऑटो और मालवाहक तिपहिया गाड़ियों पर असर
नीति में साफ कहा गया है कि 15 अगस्त, 2025 से पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले तिपहिया वाहनों का नया पंजीकरण बंद हो जाएगा। यानी अब जो ऑटो-रिक्शा और छोटा मालवाहक वाहन चलते हैं, वो इलेक्ट्रिक ही होने चाहिए।
CNG ऑटो के परमिट अब आगे नवीनीकृत नहीं किए जाएंगे। सरकार इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलवाने की सुविधा भी देगी। महिंद्रा ई-रिक्शा और पियाजियो ई-ऑटो इसमें बहुत अहम भूमिका निभा सकती हैं।
चार पहिया
चार पहिया गाड़ियों पर भी नई शर्तें लागू
मसौदे में यह भी बताया गया है कि अगर आपके नाम पहले से 2 पेट्रोल या डीजल गाड़ियां हैं, तो अब तीसरी गाड़ी खरीदने पर वह इलेक्ट्रिक होनी चाहिए।
सरकार चाहती है कि निजी लोग भी धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक विकल्प अपनाएं।
इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम और नई दिल्ली नगर परिषद की सभी कचरा गाड़ियां 31 दिसंबर, 2027 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक कर दी जाएंगी। यानी सरकारी वाहन भी प्रदूषण रहित बनेंगे।
चार्जिंग स्टेशन
चार्जिंग स्टेशन बढ़ेंगे, सुविधा में सुधार होगा
इस समय दिल्ली में कुल 1,919 चार्जिंग स्टेशन और 232 बैटरी स्वैप स्टेशन मौजूद हैं। सरकार इन्हें और बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे लोगों को EV चार्ज करने में दिक्कत न हो।
नीति में बताया गया है कि आने वाले समय में गली-मोहल्लों, पार्किंग, मेट्रो स्टेशनों और दफ्तरों में चार्जिंग की सुविधा को बढ़ाया जाएगा।
इसके साथ ही टाटा, ओला इलेक्ट्रिक और हीरो इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियां दिल्ली के EV बाजार में और ज्यादा सक्रिय हो सकती हैं।