सार्वजनिक EV चार्जिंग मांग को पूरा करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये की होगी जरूरत- रिपोर्ट
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती सार्वजनिक चार्जिंग मांग को पूरा करने और 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकरण के मिशन को हासिल करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की आवश्यकता है। सोमवार को 'इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: 2030 रोडमैप' पर फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) में यह कहा गया है। इसमें सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए शीर्ष 40 शहरों को प्राथमिकता देने की बात कही है।
इन समस्याओं पर दिया जोर
FICCI की रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के मार्ग में आ रही 5 प्रमुख समस्याओं के समाधान पर जोर दिया गया है। इसमें अर्थशास्त्र, बैटरी विकास, नियम, आपूर्ति/उपभोक्ता आकर्षण और चार्जिंग बुनियादी ढांचा शामिल है। रिपोर्ट में कहा है सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की चुनौती को दूर करने के लिए पर्याप्त बजट की आवश्यकता है। इसके अलावा EV चार्जिंग सर्विसेज के लिए GST दरों को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत तक करने का सुझाव दिया गया है।
इन शहरों को मिलनी चाहिए प्राथमिकता
इसके अलावा रिपोर्ट में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की समय पर स्थापना सुनिश्चित करने के लिए राज्य डिस्कॉम के लिए EV चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना और संचालन के लिए बिजली मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की मांग की गई है। रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 2015 से 2023-24 तक EV बिक्री के आधार पर विश्लेषण किए गए 700 से अधिक शहरों में से शीर्ष-40 और 20 राजमार्ग खंडों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।