सुप्रीम कोर्ट ने दी BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की इजाजत
क्या है खबर?
डीजल गाड़ियों के मालिकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी है।
इसके अलावा शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद 2019 में लगाए गए कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंध के कारण जम्मू-कश्मीर में BS-IV वाहनों की बिक्री में छूट की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई की।
निर्देश
कोर्ट ने दिया यह निर्देश
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने यह निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, "हमारा विचार है कि सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के संबंध में पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है।"
उन्होंने आगे कहा कि रजिस्ट्रेशन अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश को पेश करने पर जोर न दें।
सुनवाई
जम्मू-कश्मीर से जुड़ी याचिका पर भी हुई सुनवाई
अदालत ने जम्मू-कश्मीर में BS-IV वाहनों की बिक्री में छूट की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई की।
पीठ ने याचिकाकर्ता से राहत के लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।
बता दें कि पर्यावरणविद् एमसी मेहता ने यह जनहित याचिका दायर की थी। इसके अलावा कई अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया, जिसमें BS-VI डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति मांगी गई थी।
नियम
क्या है मौजूदा नियम?
मौजूदा नियम के अनुसार 10 साल पुराने डीजल या 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नष्ट करने का नियम है।
इसके लिए गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्ट पास न करने पर उन्हें स्क्रैप किया जाएगा।
हालांकि, अगर वाहन मालिक स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत अपने वाहनों को नष्ट करवाते हैं तो उन्हे इसका लाभ भी मिलता है। इसमें वाहन के एक्स-शोरूम कीमत का 4 से 6 प्रतिशत स्क्रैप मूल्य के रूप में दिया जायेगा।
जानकारी
फ्लैक्स-फ्यूल वाले वाहनों पर भी हो रहा है काम
कुछ दिन पहले ही परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी थी कि देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों ने उन्हे अगले छह महीनों में फ्लैक्स-फ्यूल वाले वाहनों का निर्माण शुरू करने का आश्वासन दिया है।
इस वादे से उम्मीद है कि 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत वाले वाहन जल्द ही बाजार में देखने को मिल सकते हैं।
बता दें कि अक्टूबर तक इससे जुड़ी गाइडलाइंस आने वाली हैं, जिनमें इसके कॉन्फिगरेशन से जुड़े नियमों को तय किया जाएगा।