
बढ़ते वेटिंग पीरियड के कारण 7 लाख ग्राहकों को है अपनी कार का इंतजार: रिपोर्ट
क्या है खबर?
अगर आपने भी हाल ही में किसी कार को बुक किया है लेकिन बढ़ते वेटिंग पीरियड के कारण डिलीवरी नहीं ले पा रहे हैं तो आप अकेले नहीं है।
सेमीकंडक्टर की कमी के चलते 7 लाख से अधिक ग्राहक अपनी कार के घर आने का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें कि सेमीकंडक्टर की कमी के चलते कंपनियां समय से अपनी कार की डिलीवरी नहीं कर पा रही हैं।
आइये, जानते हैं इस बारे में क्या कुछ पता चला है।
सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर की कमी है बड़ी समस्या
ET की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के बाद गाड़ियों की मांग में उछाल आया है, लेकिन सेमीकंडक्टर की कमी के कारण कंपनियां इन्हे पूरा नहीं कर पा रही हैं और इस वजह से वेटिंग पीरियड बढ़ता जा रहा है।
अफसोस की बात यह है कि डिलीवरी में देरी के कारण ग्राहकों को अपने वाहन के लिए अधिक भुगतान करना होगा।
बता दें कि इस साल की शुरुआत से वाहनों की कीमतों में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वेटिंग पीरियड
डिलीवरी के लिए ग्राहकों को करना पड़ रहा है महीनों इंतजार
वर्तमान में भारतीय बाजार में गाड़ियों की डिलीवरी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं जिनके लिए एक साल से भी अधिक का वेटिंग पीरियड चल रहा है।
जिन टॉप मॉडल्स के लिए वेटिंग पीरियड काफी लंबा है, उनमें महिंद्रा XUV7OO, मारुति के CNG वेरिएंट; हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, MG एस्टर, टाटा पंच, मर्सिडीज GLS और ऑडी E-ट्रॉन इलेक्ट्रिक जैसी गाड़ियां शामिल हैं।
जानकारी
इन कंपनियों की गाड़ियों का हो रहा इंतजार
आपको बता दें कि मारुति सुजुकी की गाड़ियों के लिए 2.5 लाख से अधिक ग्राहक, हुंडई कारों के लिए लगभग एक लाख ग्राहक, महिंद्रा की गाड़ियों के लिए एक लाख ग्राहक, टाटा मोटर्स की गाड़ियों के लिए एक लाख ग्राहक, किआ के लिए 75,000 ग्राहक और MG मोटर्स के लिए 46,000 ग्राहक अपनी कार के डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं।
फॉक्सवैगन, स्कोडा, टोयोटा, निसान, रेनो, ऑडी और मर्सिडीज की गाड़ियों का 75,000 से ज्यादा लोग इंतजार कर रहे हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
कब तक दूर होगी ये समस्या
जबतक विश्वभर में आई सेमीकंडक्टर की कमी दूर नहीं हो जाती यह समस्या बनी रहेगी।
कुछ प्रमुख निर्माताओं ने इसे देखते हुए सेमीकंडक्टरों को खुद बनाने का निर्णय लिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर ऑटो मूल उपकरण निर्माता (OEMs) 2025 तक अपने खुद के चिप्स डिजाइन करने और उत्पादन करने की योजना बना रहे है।
टाटा, फोर्ड और जनरल मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियां सेमीकंडक्टर के निर्माण करने की योजना बना रही हैं।