फ्यूल एफिशिएंट पेट्रोल कार बनाने में लगी मारुति सुजुकी, लाइनअप में जोड़ेगी नए मॉडल
क्या है खबर?
मारुति सुजुकी ने निर्णय लिया है कि अब कंपनी पेट्रोल सेगमेंट में ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट वाली कार बनाने पर ध्यान देगी।
कंपनी का मानना है कि 2023 तक आते-आते डीजल से चलने वाली गाड़ियों की मांग बहुत कम रह जाएगी, इसलिए वह दूसरे विकल्पों की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है।
इसके लिए कंपनी अपनी लाइनअप में जबरदस्त माइलेज देने वाली ज्यादा से ज्यादा कारों को शामिल कर रही है।
बयान
कंपनी ने कही यह बात
मारुति सुजुकी के मुख्य तकनीकी अधिकारी सीवी रमन ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में पेट्रोल कारों की ओर धीरे-धीरे बदलाव आया है, जिसको आगे बढ़ते हुए कंपनी डीजल क्षेत्र में भाग नहीं लेगी।
उन्होंने कहा, "2023 में उत्सर्जन मानदंडों का नया चरण आएगा जिससे लागत बढ़ने की संभावना है, इसलिए हम मानते हैं कि डीजल कारों की बिक्री के प्रतिशत में और कमी आ सकती है।"
कारण
ये वजहें भी बनी हैं कारण
वित्तीय वर्ष 2021 में डीजल की कीमत में कई रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई, जिससे डीजल और पेट्रोल की कीमत के बीच का अंतर काफी कम हो गया है।
इसके अलावा डीजल वेरिएंट्स की बढ़ती कीमतों की वजह से ग्राहकों द्वारा इस सेगमेंट में कम रुचि देखी जा रही है।
वहीं, प्रकृति को डीजल इंजनों से निकलने वाले धुएं से पहुंचने वाले नुकसान को देखते हुए भी कंपनियां इसे बनाने से पीछे हट रही है।
हिस्सेदारी
बिक्री में डीजल कारों की कितनी हिस्सेदारी?
उद्योग जगत के विशेषज्ञों के अनुमानों के अनुसार, देश में पैसेंजर व्हीकल में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी वर्तमान में कुल बिक्री के 17 प्रतिशत से भी कम है।
2013-14 के समय डीजल कारों की कुल बिक्री में 60 प्रतिशत हिस्सा हुआ करता था।
गौरतलब है कि अप्रैल, 2020 से BS6 उत्सर्जन मानदंडों के लागू होने के बाद से कई वाहन निर्माताओं ने डीजल इंजन वाली कारों को बनाना बिल्कुल बंद कर दिया है।
जानकारी
वर्तमान में मारुति की ये कारें है बिक्री के लिए उपलब्ध
वर्तमान समय में मारुति BS6 मानकों वाले 1.0 लीटर, 1.2 लीटर और 1.5 लीटर वाले पेट्रोल इंजन कारों के साथ डील करती है।
इसके अलावा यह अपने सात मॉडलों में CNG ट्रिम भी उपलब्ध करती है।
कंपनी का लक्ष्य फ्यूल कंबंशन वाले इंजनों की तकनीकों में सुधार करना है और भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने के लिए SUV सेगमेंट और CNG सेगमेंट में नए मॉडल्स को जोड़ना है।
जानकारी
ये कंपनियां बंद कर चुकी हैं डीजल मॉडल
टाटा, रेनो और टोयोटा जैसी बड़ी कंपनियां भी भारत में अपने डीजल वेरिएंट्स का निर्माण बंद कर चुकी है। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा लागू किए गए BS6 मानकों को ठहराया जा रहा है।
प्रभावित हुए कुछ मॉडल्स को इस साल के अंत तक और कुछ को अगले साल तक पूरी से बंद कर दिया जाएगा।
रेनो भारत में डीजल मॉडल में 4,000-5,000 यूनिट्स की ही बिक्री करती है, इसलिए इससे कंपनी को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।