भारत में आयात कर सकेंगे 50 साल से पुरानी विटेंज कार, नियमों में दी छूट
क्या है खबर?
भारत सरकार ने विंटेज कार आयात नीति में ढील देते हुए विंटेज और क्लासिक कार प्रेमियों के लिए बड़ा तोहफा दिया है।
पहले केवल 1950 से पहले निर्मित कारों को ही आयात किया जा सकता था, लेकिन नए मानदंडों के तहत 50 वर्ष (या उससे अधिक) की कारें 'लाइसेंस-मुक्त आयात' के लिए पात्र हैं।
इसका मतलब है कि इस साल से 1975 तक बनी विंटेज कारें आयात के लिए पात्र हैं। इससे 25 साल की बढ़ोतरी हो गई है।
शुल्क
निर्धारित शुल्क कराना हाेगा जमा
इसके अलावा 50-वर्ष की सीमा क्रमिक आधार पर है। इसका मतलब है कि अगले वर्ष 1976 तक निर्मित क्लासिक कारें आयात के लिए पात्र होंगी।
वाहन की आयु निर्धारित करने की सटीक तारीख उसकी प्रारंभिक बिक्री के बाद पहले पंजीकरण की तारीख से होगी।
नियमों के अनुसार, मालिकों को आयात लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन सीमा शुल्क, GST और पंजीकरण शुल्क जमा कराना होगा। विटेंज कारों में मर्सिडीज, जगुआर, पोर्शे और अमेरिकी मसल कारें शामिल हैं।
रीसेल
विंटेज कारों की रीसेल पर रोक
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने भारतीय घरेलू बाजार में इन आयातित विंटेज कारों के पुनर्विक्रय पर सख्ती से रोक लगा दी है।
निर्देशों में कहा गया है कि ये कारें व्यक्तिगत उपयोग के लिए होनी चाहिए और उनका किसी भी रूप में व्यापार नहीं किया जा सकता है।
इसमें आगे कहा है कि अगर कोई इन वाहनों को दोबारा बेचता है तो भविष्य में 5 साल तक बिक्री न करने के नियम जैसी कड़ी शर्तें पेश की जा सकती हैं।