लाल किला हिंसा: झंडा फहराना अपराध नहीं, फेसबुक लाइव कर गलती की- दीप सिद्धू
ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने अपने वकील के जरिये अदालत को कहा कि 'झंडा फहराना' अपराध नहीं है और उन्होंने लाल किले पर फेसबुक लाइव कर 'गलती' कर दी थी। सिद्धू ने कहा कि उन्होंने न तो झंडा फहराया था और न ही किसी को ऐसा करने के लिए कहा था। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सिद्धू की तरफ से ये बातें कही गईं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
क्या है मामला?
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों के एक धड़े ने हिंसा की थी और सैकड़ों किसान लाल किले में घुस गए थे। इन किसानों ने लाल किले के अंदर जमकर हंगामा किया निशाना साहिब फहरा दिया था। सिद्धू पर किसानों को लाल किले में घुसने के लिए उकसाने का आरोप है। किसान संगठनों ने भी सिद्धू पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया था। 9 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने सिद्धू को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस ने सिद्धू को बताया 'मुख्य दंगाई'
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि सिद्धू इस हिंसा के 'मुख्य दंगाई और भड़काने वाले' थे और उन्हें वीडियो में तलवार, डंडो और झंडे के साथ देखा गया था। आरोप है कि सिद्धू ने भाषण देकर लोगों को हिंसा के लिए भड़काया था।
फेसबुक लाइव करने के लिए गद्दार कहा गया- सिद्धू
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गुरुवार को हुई सुनवाई में सिद्धू ने अपने वकील अभिषेक गुप्ता के जरिये कहा, "मैंने न तो झंडा फहराया और न किसी से ऐसा करने को कहा। झंडा फहराना अपराध नहीं माना जाता। यह एक बहस है, जिसमें मैं पड़ना नहीं चाहता। मैंने गलती की थी, लेकिन हर गलती अपराध नहीं होती। अब देखने पर लगता है कि फेसबुक लाइव करना गलती थी। मुझे फेसबुक लाइव करने के लिए गद्दार कहा गया।"
मैंने धार्मिक नारे लगाए थे- सिद्धू
कोर्ट को बताया गया कि ट्रैक्टर रैली का आह्वान सिद्धू ने नहीं बल्कि किसान संगठनों ने किया था। प्रदर्शन के अधिकार को मौलिक अधिकार बताते हुए सिद्धू ने कहा, "मेरे खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि मैंने फेसबुक लाइव किया और नारे लगाए। मैंने जो नारे लगाए वो देश के गुरुद्वारों में रोज लगते हैं। सिख समुदाय वो नारे लगाता है। ये धार्मिक नारे हैं। इनसे लोगों को कैसे भड़काया जा सकता है।"
दिल्ली पुलिस की तरफ से क्या तर्क दिए गए?
इन दलीलों के जवाब में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि सिद्धू लाल किले पर हुई हिंसा का मास्टरमाइंड है। सिद्धू ने 25 जनवरी को किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक में हिस्सा लिया और भाषण दिया था। पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया कि सिद्धू लाल किले पहुंचा और जुगराज को निशान साहिब फहराने को कहा। बता दें कि मामले में आरोपी बनाए गए जुगराज को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
12 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ दंगा, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश, डकैती, गैर-इरादतन हत्या आदि धाराओं सहित आर्म्स एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। फिलहाल जेल में बंद सिद्धू की जमानत याचिका पर अब 12 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।
कौन हैं दीप सिद्धू?
कुछ सालों तक वकालत कर चुके दीप सिद्धू पंजाबी फिल्मों में अभिनय करते हैं। इसके अलावा वो राजनीतिक तौर पर भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2019 लोकसभा चुनावों में पंजाब के गुरदासपुर से भाजपा उम्मीदवार सनी देओल का प्रचार किया था, जो जीतकर सांसद बने। सिद्धू की प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के साथ तस्वीरेें हैं, जिनके आधार पर किसान संगठनों ने उन्हें भाजपा का आदमी बताया था। हिंसा के बाद भी सिद्धू लगातार फेसबुक लाइव करते रहे थे।