दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सब्सिडी बंद, जल्द लगेंगे 500 से अधिक चार्जिंग स्टेशन
क्या है खबर?
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने और पहले से इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीद चुके ग्राहकों को बेहतर चार्जिंग सुविधा प्रदान करने के लिए दिल्ली सरकार अगले साल जून तक शहर में 500 से अधिक चार्जिंग स्टेशन लगाने जा रही है।
वहीं राजधानी में इलेक्ट्रिक कारों पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी अब बंद हो गई है। यह जानकारी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी।
आइए जानते हैं पूरी खबर।
बयान
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, माल ढुलाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेगमेंट पर ध्यान दिया जाएगा- गहलोत
गहलोत ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट को हर संभव मदद दी गई है, लेकिन अब ध्यान इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, माल ढुलाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेगमेंट पर दिया जाएगा। बता दें, दिल्ली में सब्सिडी केवल शुरुआती 1,000 कारों के लिए थी।
बयान
बनाये जाएंगे 100 चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग
चार्जिंग स्टेशन लगाने का मकसद लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे और खरीददार सामने आएं।
इनमें नए तकनीकी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जायेगा।
दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन की उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह ने कहा कि शुरुआत में सरकार लगभग 10 करोड़ रुपये से चार्जिंग को मजबूत करने और लगभग 100 EV चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को बनाने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी।
जगह
कहां लगेंगे चार्जिंग स्टेशन?
शहर में वर्तमान में 292 चार्जिंग पाइंट्स के साथ 145 चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं, लेकिन एक भी दिल्ली सरकार द्वारा प्रबंधित नहीं है।
शाह ने कहा कि सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले चार्जिंग प्वाइंट में से अधिकांश दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) की जमीन पर लगाए जाएंगे।
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) द्वारा स्थापित किए जा रहे इन स्टेशनों में से सात DTC बस डिपो पर भी लगाए जाएंगे।
जानकारी
मोबाइल ऐप बताएगी कहां है चार्जिंग स्टेशन
चार्जिंग स्टेशनों का पता लगाने की सुविधा 'वन दिल्ली' ऐप द्वारा दी जाएगी। ऐप की मदद से ग्राहक चार्जिंग पॉइंट के प्रकार और प्रति यूनिट लागत के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस मोबाइल ऐप को जल्द लॉन्च किया जा सकता है।
दिशा-निर्देश
फूड डिलीवर करने वाले एग्रीगेटर्स को भी अपनाना होगा EV
दिल्ली परिवहन विभाग ने अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करना शुरू कर दिया है, साथ ही फूड डिलीवरी सेवाओं जैसे एग्रीगेटर्स को भी EV अपनाने के लिए दिशा-निर्देश विकसित किए जा रहे हैं।
जल्द ही इनके लिए सार्वजनिक दिशा-निर्देशों को लागू किया जा सकता है, जिसके अनुसार एग्रीगेटर्स के लिए EV जरुरी बनाने में उनके बेड़े में लगभग 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियों को शामिल किया जायेगा। बाद में इसे और बढ़ाया जा सकता है।
कैब
दिल्ली में बढ़ेगी इलेक्ट्रिक कैब की संख्या
इस साल 1 जुलाई से 30 सितंबर तक दिल्ली में कुल वाहन रजिस्ट्रेशन में 7 प्रतिशत EV और 6 प्रतिशत CNG वाहनों की हिस्सेदारी रही।
वहीं ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी, एक ऑल-इलेक्ट्रिक राइड हीलिंग सेवा है, जो अपने बेड़े में जोड़ने के लिए 3,500 इलेक्ट्रिक कारों को खरीदने वाली है।
दिल्ली सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल जुलाई और सितंबर के बीच खरीदी गई नई कैबों में से लगभग 48 प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियां थीं।
आंकड़े
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की भी बढ़ी है मांग
राजधानी दिल्ली में जुलाई से सितंबर के दौरान खरीदी गई कारों की कुल संख्या का लगभग एक प्रतिशत (36,404 में से 422) इलेक्ट्रिक गाड़ियों की थी, जबकि तीन पहिया माल वाहनों में से 51 प्रतिशत (979 में से 496) इलेक्ट्रिक थे।
वहीं इसी दौरान खरीदी गई मोटरसाइकिलों में से लगभग 4 प्रतिशत (66,268 में से 2,603) इलेक्ट्रिक थीं। आने वाले समय में इस सेगमेंट में EV का एक बड़ा हिस्सा होने की उम्मीद है।
अन्य स्टेशन
टाटा पावर ने भी देशभर में लगाए 1,000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन
भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड पावर कंपनी टाटा पावर ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए देशभर में 1,000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं।
इसी साल जुलाई में टाटा पावर ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के साथ उसके पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी और महज तीन महीनों में कंपनी ने 1,000 स्टेशन लगा दिए हैं।