नई आबकारी नीति: दिल्ली में कल से 45 दिनों तक बंद रहेंगे शराब के निजी ठेके
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब के शौकिनों के लिए बड़ी खबर है। त्योहारी सीजन में लोगों को आसानी से शराब मिलना थोड़ा मुश्किल होगा। इसका प्रमुख कारण है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के कारण वहां संचालित शराब के करीब 260 निजी ठेके 1 अक्टूबर से 16 नवंबर तक यानी 45 दिनों तक बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान सरकारी ठेके खुले रहेंगे और उनके द्वारा शराब बिक्री की जाएगी, लेकिन इससे लोगों की मुश्किलें थोड़ी बढ़ जाएगी।
क्या है दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति?
दिल्ली सरकार ने अपने राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए जुलाई में नई आबकारी नीति-2021 जारी की थी। इसमें सरकार ने सभी सरकारी ठेकों को बंद कर सभी दुकानों को निजी हाथों में देने का निर्णय किया है। इसके लिए सरकार ने दिल्ली को 32 जोन में बांटा है और इनमें कुल 849 खुदरा दुकानें होंगी। नई दिल्ली नगर निगम और दिल्ली छावनी में 29 दुकानें होंगी, वहीं इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी 10 खुदरा दुकानें होंगी।
सरकार ने 20 जोन में आवंटित किए लाइसेंस
सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति के तहत बनाए गए 32 जोन में से 20 में लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली है और बाकी 12 जोन की वित्तीय बोली भी जल्द ही जारी कर दी जाएगी। दिल्ली में 17 नवंबर से नई आबकारी नीति के तहत नई दुकानें खोली जाएंगी, तब तक सिर्फ सरकारी दुकानों पर ही शराब की बिक्री होगी। ऐसे में दिल्ली में संचालित 260 से अधिक निजी ठेके शुक्रवार से पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
दिल्ली सरकार ने 30 सितंबर तक बढ़ाए थे लाइसेंस
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत निजी फर्मों को नए लाइसेंस आवंटन करने की प्रक्रिया के बीच 2 सितंबर को खत्म होने वाले निजी शराब ठेकों के लाइसेंस को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया था। अब ये ठेके बंद होंगे।
सरकार ने सरकारी ठेका संचालकों को दिए पर्याप्त स्टॉक रखने के आदेश
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शराब की कमी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। 45 दिनों तक बंद रहने वाली शराब की निजी दुकानों को देखते हुए 16 नवंबर तक संचालित होने वाली शराब दुकानों के संचालकों को मांग के मुताबिक स्टॉक रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी शराब की नई दुकानें 17 नवंबर से खुल जाएंगी। उसके बाद लोगों को शराब खरीदने में कोई परेशानी नहीं होगी।
नई आबकारी नीति के तहत आई है 357 करोड़ की सबसे ऊंची बोली
आबकारी विभाग के अनुसार, द्वारका-ए, देवली, भजनपुरा, कर्दमपुरी और कुरैशी नगर जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले जोन 28 की सबसे ऊंची बोली 357 करोड़ रुपये की लगी है। इसी तरह आधार मूल्य के मुकाबले सरकार द्वारा अर्जित लाभ के मामले में हवाई अड्डा वाले जोन 32 में सबसे अधिक इजाफा हुआ है। इस बार यहां का आरक्षित मूल्य 105 करोड़ रुपये के मुकाबले 235 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो कि पहले 124 प्रतिशत अधिक है।
शराब विक्रेताओं को करनी होंगी ये व्यवस्थाएं
नई नीति के अनुसार, शराब की दुकानों में AC के साथ-साथ रोशनी की अच्छी व्यवस्था और शीशे के दरवाजे होने चाहिए। दुकानों के अंदर और बाहर CCTV कैमरे लगाने को कहा गया है जिनमें एक महीने की रिकॉर्डिंग रखनी होगी। दुकान के आसपास व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी विक्रेताओं की होगी और अगर दुकान किसी उपद्रव का कारण बनती है इसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। प्रत्येक वार्ड में तीन खुदरा दुकानें और प्रत्येक जोन में 27 खुदरा दुकानें होंगी।
नया लाइसेंस भी जारी किया गया
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति में एक नया L-38 लाइसेंस भी जारी किया है। इसके तहत मैरेज होम, पार्टी प्लेसेज, फार्म हाउस, मोटल और अन्य कार्यक्रम स्थल सालाना फीस भरकर अपने यहां देसी और विदेशी शराब परोस सकेंगे।
नई आबकारी नीति से भरेगा दिल्ली सरकार का खजाना
गौरतलब है कि दिल्ली को केंद्रीय करों में केवल 325 करोड़ रुपये मिलते हैं, जबकि केंद्रीय करों में दिल्ली की भागीदारी 1.40 लाख करोड़ है। अब तक शराब के दुकान की लाइसेंस फीस 8-10 लाख रुपये और उत्पाद शुल्क 300 प्रतिशत होती थी, लेकिन नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार को नवंबर 2021 के बाद से हर साल लगभग 3,500 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होगी और उत्पाद शुल्क से करीब 10,000 करोड़ की आय होगी।