इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग का मिटेगा झंझट, देशभर में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क बढ़ा रही यह कंपनी
क्या है खबर?
भारत में पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।
वाहनों पर सब्सिडी समेत अन्य कई सुविधाएं देकर विभिन्न तरह से लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
अब इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क प्रोवाइडर चार्ज-अप (Charge-up) ने घोषणा कर बताया कि वह 2024 तक 3,000 EN बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करेगी।
साथ ही उसका लक्ष्य हर दो किलोमीटर में एक चार्जिंग स्टेशन बनाना भी है।
उद्देश्य
ये हैं कंपनी के उद्देश्य
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के अलावा चार्ज-अप ने दो लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की सर्विसिंग करने की भी घोषणा की है।
इसके साथ ही चार्ज-अप का उद्देश्य दिल्ली जैसे शहर में हर दो किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन के साथ बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के नेटवर्क को अधिक मजबूत करना भी है।
इसके अलावा कंपनी का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक टू और थ्री व्हीलर्स के लिए सबसे बड़ा वितरण नेटवर्क बनाने का है।
जानकारी
देश में उपलब्ध 80 प्रतिशत वाहन हैं इलेक्ट्रिक रिक्शा
जानकारी के लिए बता दें कि आज भारत में लगभग 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रिक रिक्शा हैं।
इस कारण कंपनी इलेक्ट्रिक रिक्शा चालकों के लिए सुविधा देती है ताकि उनकी कमाई में इजाफा हो सके।
देश में लगभग 24 लाख से अधिक ऐसे वाहन हैं, जिनका उपयोग रोजाना लगभग 14 करोड़ लोग करते हैं।
इसका मतलब है कि लगभग 14 करोड़ लोग देश में उपलब्ध 24 लाख वाहनों का उपयोग रोजाना यात्रा करने के लिए करते हैं।
दिक्कत
कम बैटरी लाइफ के कारण होती है यह परेशानी
कंपनी के अनुसार इलेक्ट्रिक रिक्शा की बैटरी चार्ज करने के लिए लगभग 10 घंटे तक का समय लगता है।
वर्तमान में बैटरी की लाइफ सीमित किलोमीटर के साथ छह महीने तक की होती है। इस कारण यह प्रति दिन 80-90 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं।
इस वजह से एक इलेक्ट्रिक रिक्शा चालक की कमाई लगभग 850 रुपये ही होती है और उन्हें नई बैटरियां खरीदने के लिए अधिक पैसा खर्चने होते हैं, जो एक बड़ी चुनौती है।
सुविधा
कंपनी चालकों को देती है यह सुविधा
जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी चार्ज-अप इलेक्ट्रिक रिक्शा चालकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के उनकी बैटरी स्वैपिंग सर्विस का लाभ उठाने की सुविधा देती है।
हालांकि, इस सुविधा का उपयोग करने के लिए उन्हें डेली बैटरी रेंटल प्लान की सदस्यता लेनी पड़ती है।
इससे उन्हें दिन में दो-तीन बार स्वैपिंग स्टेशन आने की अनुमति मिलती है और वे अपनी डिस्चार्ज बैटरी को फुल चार्ज बैटरी के साथ स्वैप यानी बदल सकते हैं।
फायदा
चालकों को कमाई बढ़ाने में मिली मदद
कंपनी द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा की मदद से इलेक्ट्रिक रिक्शा चालकों को अपनी औसत कमाई 850 रुपये से 1,800 रुपये तक बढ़ाने में मदद मिली है।
इसके साथ ही अब वे एक दिन में 80-90 किलोमीटर के बजाय 160 किलोमीटर तक की रेंज को कवर करने में सक्षम हैं।
बैटरी स्वैपिंग प्रक्रिया में लगभग दो मिनट का समय लगता है। चार्ज-अप द्वारा दी जाने वाली लिथियम आयन बैटरी का वजन 30 किलोग्राम से कम होता है।
योजना
क्या है कंपनी की योजना?
रिक्शा वालों को 80 किलोमीटर की दूरी के लिए केवल 150 रुपये प्रति स्वैप का भुगतान करना पड़ता है।
कंपनी वर्तमान में दिल्ली NCR में अपने स्टेशनों के माध्यम से 3,000 से अधिक स्वैप एक महीने में कर रही है।
कंपनी की मार्च, 2022 तक मासिक स्वैप संख्या तीन लाख से अधिक करने और 2024 तक 3,000 स्वैपिंग हब की स्थापना करने की योजना है।
इससे इलेक्ट्रिक रिक्शान चालकों को काफी मदद मिलेगी।
दिल्ली सरकार
पार्किंग क्षेत्र में लगेंगे चार्जिंग प्वाइंट
चार्ज-अप के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए दिल्ली सरकार ने मॉल्स और होटलों आदि से उनके पार्किंग क्षेत्र में कुछ जगह आरक्षित करने के लिए कहा है ताकि वहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट लग सकें।
दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने 100 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा वाले मॉल और होटल आदि के मालिकों को इसके लिए कम से कम पांच प्रतिशत क्षेत्र आरक्षित करने के लिए कहा है।
जानकारी
दिसंबर तक दिल्ली में होंगे 10,000 चार्जिंग प्वाइंट
जैन ने कहा कि मॉल आदि को यह प्रस्ताव को लागू करने के लिए इस साल के अंत तक का समय दिया जाएगा। एक अधिकारी के अनुसार दिसंबर तक दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 10,000 से अधिक चार्जिंग प्वाइंट होंगे।