ब्राजील में साल 2020 में जंगलों की आग से हुई 1.7 करोड़ जानवरों की मौत- अध्ययन
दुनिया में हो रहे जलावायु परिवर्तन के कई गंभीर दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। इंसानों सहित जानवरों पर भी इनका सीधा प्रभाव देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि अकेले बा्रजील में साल 2020 में जंगलों में लगी आग के कारण 1.7 करोड़ जानवरों की मौत हो गई। वैज्ञानिकों ने 2020 में जंगलों को तबाह करने वाली आग के कारण हुई जानवरों की मौत का आंकलन करते हुए इसके कारणों को जानने का प्रयास किया है।
मानव प्रेरित जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही जंगलों में आग- वैज्ञानिक
इंडिया टुडे के अनुसार, वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्राजील में मानवजनित कारकों ने जलवायु परिवर्तन में मुख्य भूमिका निभाई है। इसके कारण कई इलाकों में बार-बार सूखे की गंभीर समस्या देखी जा रही है। इसी तहर जंगलों में लगातार बढ़ती आग की घटनाएं भी मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के सबसे दृश्यमान परिणामों में से एक है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जंगलों की आग के कारण जमीन पर रेंगने वाले कीटों सहित 1.7 करोड़ जानवरों ने अपनी जिंदगी को खो दिया।
वन्यजीवों पर बुरा असर डाल रही है जंगलों की आग- वैज्ञानिक
इस महीने की शुरुआत में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा कि विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में जैव विविधता के परिणामों को निर्धारित करने में आग की भूमिका के बावजूद जंगल की आग वन्यजीवों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने साल 2020 में ब्राजील के पैंटानल वेटलैंड में जंगलों में लगी आग से कशेरुकी जंतुओं (हडि्डयों वाले जानवर) पर पड़े प्रभाव का अनुमान लगाने के लिए जमीनी सर्वेक्षण किया है।
आग के कारण लंबे समय तक देखने को मिल सकते हैं दुष्परिणाम- अध्ययन
अध्ययन में आग से प्रभावित 39,030 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया, "आग का प्रभाव बेहद विनाशकारी होगा, क्योंकि आग की पुनरावृत्ति से पारिस्थितिक तंत्र कमजोर हो सकता है और उसके कार्य को बाधित कर सकता है।" शोधकर्ताओं ने कहा, "हम जंगल की आग की तीव्रता और प्रवृति में इजाफा देख रहे हैं। इससे विश्व स्तर पर जले हुए क्षेत्र बढ़ रहे हैं। हालांकि, आग का वन्यजीवों पर प्रभाव अभी कम ज्ञात हैं।"
ब्राजील में जंगलों में आग में इस तरह हुआ इजाफा?
शोधकर्ताओं के अनुसार, पैंटानल में साल 2019 में 16,210 वर्ग किलोमीटर जंगल में आग लगी थी, लेकिन साल 2020 में इसमें बड़ी मात्रा में इजाफा देखने को मिला और पूरे साल में 39,030 वर्ग किलोमीटर जंगलों में आग लगी। आग के लिए बारिश की कमी, अधिक तापमान और जलवायु परिवर्तन को कारण माना जा रहा है। इस क्षेत्र में जून में आग लगना शुरू होती है और सितंबर में चरम पर होती है। इस दौरान गर्मी का मौसम रहता है।