Page Loader
सत्यजीत रे का पुश्तैनी मकान क्यों तोड़ रही बांग्लादेश सरकार? भारत सरकार बचाने को आगे आई
बांग्लादेश में सत्यजीत रे का पुश्तैनी मकान 100 साल पुराना है

सत्यजीत रे का पुश्तैनी मकान क्यों तोड़ रही बांग्लादेश सरकार? भारत सरकार बचाने को आगे आई

लेखन गजेंद्र
Jul 16, 2025
12:44 pm

क्या है खबर?

महान फिल्म निर्माता और ऑस्कर पुरस्कार विजेता सत्यजीत रे का बांग्लादेश के मैमनसिंह में स्थित पुश्तैनी मकान संकट में है। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार ने घर को गिराने का फैसला लिया है, जबकि भारत सरकार इस फैसले से बेहद दुखी है। उसने बांग्लादेश को इसके मरम्मत और पुनर्निर्माण में मदद तक करने की पेशकश की है। आखिर बांग्लादेश की सरकार इस एक सदी पुरानी इमारत को क्यों तोड़ रही है? आइए, जानते हैं।

फैसला

क्यों तोड़ा जा रहा है मकान?

द डेली स्टार के मुताबिक, रे का मकान मैमनसिंह में हरिकिशोर रे चौधरी रोड पर है। यह 100 साल पुराना है और 10 वर्षों से यहां कोई आता-जाता नहीं। जिला बाल मामलों के अधिकारी, मोहम्मद मेहेदी जमान का कहना है कि मकान काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। पहले यहां मैमनसिंह शिशु अकादमी थीं, लेकिन मकान जर्जर होने से खतरा पैदा हो रहा है। इसलिए अकादमी दोबारा शुरू करने के लिए पुराने भवन की जगह कई कमरों वाली इमारत बनाई जाएगी।

बयान

भारत सरकार का क्या कहना है?

विदेश मंत्रालय ने मकान टूटने की खबर पर कहा, "यह खेदजनक है कि मैमनसिंह में संपत्ति, जो कभी सत्यजीत रे के दादा, प्रख्यात साहित्यकार उपेंद्र किशोर रे चौधरी की थी, उसे तोड़ा जा रहा है। इमारत बांग्ला सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। उसकी ऐतिहासिक स्थिति को देखते हुए इसे ध्वस्त करने पर पुनर्विचार करना चाहिए। साथ ही साहित्य के संग्रहालय, भारत-बांग्लादेश की साझा संस्कृति के प्रतीक के रूप में इसके मरम्मत-पुनर्निर्माण के बारे में सोचना चाहिए। भारत इसमें सहयोग देगा।"

खास

कितना खास है यह मकान?

घर उपेंद्र किशोर ने बनवाया था। वे किशोरगंज के मसुआ गांव में एक जमींदार थें और प्रसिद्ध साहित्यकार भी थे। इस घर का संबंध बंगाल साहित्य और कला से जुड़ी तीन पीढ़ी उपेंद्र किशोर, उनके बेटे मशहूर कवि सुकुमार और सत्यजित रे से है। 1947 के बंटवारे के बाद संपत्ति सरकारी स्वामित्व में आई और 1989 में यहां मैमनसिंह शिशु अकादमी खुला। घर गिराने का फैसला डिप्टी कमिश्नर, चिल्ड्रेन अफेयर्स डिपार्टमेंट और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने लिया है।