डोनाल्ड ट्रंप की भारत सहित BRICS देशों को चेतावनी, कहा- निर्यात पर लगाएंगे 100 प्रतिशत शुल्क
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भारत सहित BRICS में शामिल देशों को निर्यात पर शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि अगर BRICS में शामिल देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रमुख मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर का स्थान पर दूसरी मुद्रा लाने का प्रयास करेंगे तो उनके निर्यात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा।
बता दें कि ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से लगातार इस मुद्दे पर धमकियां दे रहे हैं।
चेतावनी
ट्रंप ने क्या दी है चेतावनी?
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'यह विचार कि BRICS देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम खड़े होकर देखते हैं, खत्म हो चुका है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमें इन शत्रुतापूर्ण देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें निर्यात पर 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।'
उम्मीद
BRICS देश करें अमेरिकी बाजार को अलविदा कहने की उम्मीद
ट्रंप ने आगे लिखा, 'उन्हें (BRICS देश) शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कारोबार को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए। वे किसी अन्य बेवकूफ देश की तलाश कर सकते हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि BRICS अंतरराष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे टैरिफ को नमस्ते कहना चाहिए और अमेरिका को अलविदा कहना चाहिए!'
विवाद
क्या है BRICS देश और उनका डी-डॉलरीकरण?
BRICS देशों का गठन 2009 में हुआ था। पहले इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। अब इसमें इंडोनेशिया, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं।
अमेरिका इसका हिस्सा नहीं। कई अन्य देश इसमें आना चाहते हैं। पिछले कुछ सालों में रूस और चीन अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाश रहे हैं और वे BRICS मुद्रा बनाना चाहते हैं।
सभी अमेरिका के प्रभुत्व से तंग हैं। BRICS मुद्रा से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम होगी।
असर
धमकी से भारत पर क्या पड़ेगा असर?
BRICS देशों में भले ही भारत शामिल हो, लेकिन वह कभी अमेरिकी डॉलर के विकल्प तलाशने की दौड़ में शामिल नहीं रहा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले में कहा था कि भारत की डी-डॉलरीकरण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और ऐसा कोई प्रस्ताव भी नहीं है।
उन्होंने कहा था कि BRICS वित्तीय परिवर्तनों पर चर्चा करता है और अमेरिका हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, भारत की डॉलर के विकल्प को लेकर अभी कोई दिलचस्पी नहीं।
जानकारी
रूस कर रहा है डी-डॉलरीकरण की पैरवी
2023 में 15वें BRICS शिखर सम्मेलन के पूर्व सत्र के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डी-डॉलरीकरण का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था BRICS देशों को राष्ट्रीय मुद्रा में निपटान का विस्तार और बैंकों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहिए।