कनाडा ने छात्र वीजा वाली SDS योजना क्यों बंद की और भारतीयों पर कितना होगा असर?
कनाडा अपने यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को कम करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है। अब कनाडा ने तत्काल प्रभाव से स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) योजना को समाप्त कर दिया है। इस योजना की शुरुआत 2018 में भारत, चीन, पाकिस्तान और फिलीपींस सहित 14 देशों के अंतरराष्ट्रीय छात्रों को छात्र वीजा आवेदन में तेजी लाने के लिए की गई थी। इस फैसले का भारतीय छात्रों पर भी असर पड़ना तय है।
क्या थी SDS योजना
कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता (IRCC) विभाग ने ने नाइजीरिया स्टूडेंट एक्सप्रेस (NSE) कार्यक्रम को भी बंद कर दिया है। अब स्टूडेंट वीजा के लिए भी छात्रों को सामान्य वीजा प्रक्रिया का पालन करना होगा। SDS योजना के तहत वीजा के लिए छात्रों को 20,635 कैनेडियन डॉलर मूल्य का गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (GIC) और भाषा परीक्षा के अंक प्रस्तुत करने होते थे। इसके तहत भारतीय छात्रों को 8 हफ्ते के भीतर वीजा मिल जाता था।
कनाडा ने क्यों उठाया ये कदम?
दरअसल, कनाडा आवास और संसाधनों की कमी, महंगाई और बढ़ती जनसंख्या के चलते अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को सीमित कर रहा है। IRCC द्वारा जारी बयान के अनुसार, "कनाडा का लक्ष्य कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करना, छात्रों में भेदभाव को दूर करना, सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष पहुंच प्रदान करना और एक सकारात्मक शैक्षणिक अनुभव प्रदान करना है। इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए SDS को समाप्त कर दिया गया है।"
भारतीय छात्रों पर कितना होगा असर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल भारत से करीब 2 लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा जाते हैं। इनकी फीस के तौर पर करीब 75,000 करोड़ रुपये कनाडा को मिलते हैं। कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में कनाडा में 5.5 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख छात्र अकेले भारत से थे। ऐसे में इस कदम का भारतीय छात्रों पर असर पड़ना तय है।
कनाडा ने 10 वर्षीय पर्यटक वीजा नीति भी खत्म की
एक और बड़े कदम में कनाडा ने अपनी 10 वर्षीय पर्यटक वीजा नीति भी खत्म कर दी है। इसके तहत सभी आवेदकों को अधिकतम 10 साल के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा जारी किए जाते थे। इससे कनाडा आने वाले लोग वीजा की वैधता अवधि के बीच में कई बार प्रवेश कर सकते थे। IRCC ने कहा कि अधिकारियों को विवेकाधिकार दिया जाता है कि अब वे विस्तारित अवधि के बजाय व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार पर कम अवधि वीजा जारी करें।
भारतीय छात्रों को वीजा मिलने का आंकड़ा हुआ कम
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए स्टडी वीजा में पिछली साल की तुलना में 86 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2022 में की चौथी तिमाही में 1,08,940 स्टडी वीजा जारी किए गए थे, लेकिन 2023 में मात्र 14,910 वीजा जारी हुए। इसी साल जनवरी से कनाडा ने भारतीय छात्रों के लिए GIC की सीमा भी बढ़ा दी है। अब छात्रों को अपने खाते में 16 के बजाय 25 लाख रुपये रखने होंगे।