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आतंकी फंडिंग रोकने में असफल पाकिस्तान हो सकता है ब्लैकलिस्ट, अगले हफ्ते अहम बैठक

आतंकी फंडिंग रोकने में असफल पाकिस्तान हो सकता है ब्लैकलिस्ट, अगले हफ्ते अहम बैठक

Oct 07, 2019
11:23 am

क्या है खबर?

आतंकवादियों को आर्थिक मदद देने के चलते ब्लैकलिस्ट होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा से जुड़े लोगों और संस्थाओं के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा सुझाए गए कदम उठाने में नाकाम रहा है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।

रिपोर्ट

कानूनी औऱ गैर-कानूनी स्त्रोतों से टेरर फंडिग का सामना कर रहा पाकिस्तान- रिपोर्ट

FATF के क्षेत्रीय संगठन एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक और बाजार नियामक आतंकी फंडिंग को समझ नहीं पा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि कमजोर नियामक और पर्यवेक्षण के कारण पाकिस्तान कानूनी और गैर-कानूनी स्त्रोतों से आतंकी फंडिंग के खतरों का सामना कर रहा है। बता दें कि APG ने टेरर फंडिंग को रोक पाने में असफल पाकिस्तान को 'इन्हैंस्ड ब्लैकलिस्ट' में डाला हुआ है।

रिपोर्ट

रिपोर्ट ने बढ़ाई पाकिस्तान की चिंताए

13 से 18 अक्तूबर तक FATF की अहम बैठक होनी है। इस बैठक में FATF आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करेगी। अगर ये कदम संतोषजनक नहीं पाए गए तो पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बैठक से लगभग एक सप्ताह पहले आई रिपोर्ट ने पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए कहा था कि भारत उसे ब्लैकलिस्ट करवाने की कोशिश में हैं।

कार्रवाई

अगस्त में पाकिस्तान पर हुई थी बड़ी कार्रवाई

अगस्त में ऑस्ट्रेलिया में हुई APG की बैठक में पाकिस्तान को 'इन्हैंस्ड ब्लैकलिस्ट' में डाला गया था। आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए 40 मानक निर्धारित किए गए थे। पाकिस्तान इनमें से 32 मानकों पर खरा नहीं उतर पाया था। समीक्षा में APG ने पाया कि पाकिस्तान कई क्षेत्रों में संतोषजनक काम नहीं कर पाया है। इसके बाद APG ने उसे अपनी विस्तृत ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था।

कार्रवाई

अब आगे क्या होगा?

APG का पाकिस्तान को इन्हैंस्ड ब्लैकलिस्ट में डालने का फैसला FATF की किसी भी कार्रवाई के लिए बड़ा आधार बनेगा। अगले हफ्ते FATF की बैठक होगी। इसमें APG के फैसले और पाकिस्तान द्वारा अब तक उठाए गए कदमों पर चर्चा होगी। अगर पाकिस्तान द्वारा अब तक उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं पाए गए तो FATF अगली कार्रवाई पर विचार करेगी। यह कार्रवाई पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की भी हो सकती है। ऐसा होने पर पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

FATF

क्या है FATF?

FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना सन 1989 में हुई थी। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है। यह समय-समय पर मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और महाविनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए अपनी सिफारिशें देती है। साथ ही यह उन सिफारिशों के लागू होने पर भी नजर रखती है। साल में तीन बार इसकी बैठक होती है।