दुनिया-जहां: मालदीव में क्यों हो रहे भारत विरोधी प्रदर्शन?
क्या है खबर?
हिंद महासागर में स्थित छोटे से देश मालदीव में इन दिनों भारत चर्चा में है और यहां भारत विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। ये अभियान देश के पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी चला रही है।
देश की मौजूदा सरकार इस अभियान के खिलाफ है और वह भारत के समर्थन में अभियान चला रही है।
चलिए आज दुनिया-जहां में भारत के कारण मालदीव की राजनीति में चल रही इस उथल-पुथल को समझने की कोशिश करते हैं।
भूमिका
मालदीव की राजनीति में भारत की भूमिका?
महज साढ़े पांच लाख की आबादी वाले मालदीव में 2005 में लोकतंत्र आया था और भारत दशकों से लगभग हर क्षेत्र से उसकी मदद करता आ रहा है।
दोनों देशों के रिश्ते मौमून अब्दुल गयूम के कार्यकाल में मजबूत हुए जो 20वीं सदी के अंत में मालदीव के राष्ट्रपति और सबसे ताकतवर नेता थे।
श्रीलंकाई तमिल उग्रवादी समूह की मदद से गयूम के तख्तापलट की एक कारोबारी की कोशिश को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (NSG) ने नाकाम किया था।
भू-राजनैतिक महत्व
मालदीव पर प्रभाव को लेकर भारत और चीन में चल रही रस्साकसी
हिंद महासागर में स्थित होने के कारण मालदीव इलाके की भू-राजनैतिक परिस्थितियों से प्रभावित होता आया है और पिछले लगभग दो दशक से चीन और भारत मालदीव पर अपना-अपना प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
देश में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) को भारत का समर्थक माना जाता है, वहीं प्रोगेसिव पार्टी को चीन का समर्थक माना जाता है।
2018 के आम चुनाव में MDP ने ही जीत दर्ज की थी और तबसे भारत-मालदीव के रिश्ते सुधरे हैं।
भारत विरोधी अभियान
कौन चला रहा भारत विरोधी अभियान?
MDP की सरकार में भारत के साथ रिश्ते सुधरने के बाद पिछले कुछ सालों से प्रोगेसिव पार्टी और उसकी सहयोगी पीपल्स नेशनल कांग्रेस भारत का विरोध कर रहे हैं।
दिसंबर, 2021 में प्रोगेसिव पार्टी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के जेल से रिहा होने के बाद इस भारत विरोधी अभियान में तेजी आई है।
यामीन की रिहाई के बाद से भारत विरोधी रैलियों में वृद्धि आई है और भारत विरोधी बयानबाजी भी बढ़ी है।
जानकारी
23 मार्च को भारत विरोधी रैली के आयोजन की योजना बना रहा था विपक्ष
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के मालदीव दौरे से ठीक एक दिन पहले 23 मार्च को राजधानी माले में भी भारत विरोधी एक रैली का आयोजन किया जाना था। इसे 'इंडिया आउट' का नाम दिया गया। हालांकि सरकार ने इस रैली पर प्रतिबंध लगा दिया।
कारण
क्यों भारत विरोधी अभियान चला रहा विपक्ष?
चीन समर्थक प्रोगेसिव पार्टी का आरोप है कि MDP ने मालदीव को भारत का गुलाम बना दिया है और भारत ने एक बड़ा सैन्य दल मालदीव भेजा हुआ है।
दोनों देश मिलकर बंदरगाह बना रहे हैं और विपक्ष का यहीं पर भारतीय सेना का दल होने का आरोप है।
राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है और बंदरगाह पर कोई भी विदेशी सैनिक न होने की बात कही है।
राजनीति
भारत विरोधी अभियान में घरेलू राजनीति की क्या भूमिका?
प्रोगेसिव पार्टी के भारत विरोधी अभियान चलाने के पीछे घरेलू राजनीति भी है। देश में 2024 में आम चुनाव होने हैं और यामीन मालदीवी राष्ट्रवाद और भारत विरोधी अभियानों के जरिए एक बार फिर से सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं MDP भी खुलकर भारत के समर्थन में उतर आई है और उसने 'इंडिया फर्स्ट' नाम से अपना अभियान शुरू किया है। उसने भारत विरोधी अभियानों को राष्ट्र-विरोधी घोषित करने के लिए एक विधेयक भी बनाया है।