
इमरान खान का बयान, अमेरिका के 'आतंक के खिलाफ युद्ध' में शामिल होना सबसे बड़ी गलती
क्या है खबर?
अमेरिका में एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि 9/11 आतंकी हमले के बाद अमेरिका के 'आतंक के खिलाफ युद्ध' से जुड़ना पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका की असफलता के लिए पाकिस्तान को दोष दिया जाता है।
बता दें कि पिछले दिनों एक इंटरव्यू में भी इमरान खान ने यही बातें कहीं थीं और अब अपनी बात को दोहराया है।
बयान
इमरान बोले, अमेरिका की असफलता के लिए हमें दोष दिया जाता है
सोमवार को न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (CFR) थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए इमरान ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, "9/11 के बाद अमेरिका के साथ जुड़कर पाकिस्तान ने सबसे बड़ी गलती की। इसमें 70,000 पाकिस्तानी मारे गए। अर्थशास्त्री कहते हैं कि इससे हमें अर्थव्यवस्था में 150-200 बिलियन का नुकसान हुआ। इसके बावजूद अफगानिस्तान में अमेरिका के नहीं जीतने के लिए हमें दोषी ठहराया जाता है।"
कबूलनामा
"रूस से लड़ने के लिए तैयार किए जिहादी"
इमरान ने इस दौरान स्वीकार किया कि 1980 के दशक में रूस से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने जिहादियों को तैयार किया था और अमेरिका के अफगानिस्तान में आने के बाद इन्हीं जिहादी संगठनों को आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
उन्होंने कहा, "विद्रोही समूहों को सिखाया गया था कि विदेशी आधिपत्य के खिलाफ लड़ना जिहाद है। लेकिन अमेरिका के अफगानिस्तान में पहुंचने के बाद इसे आतंकवाद घोषित कर दिया गया।"
ट्रेनिंग
ISI और पाकिस्तानी सेना देती थी जिहादियों को ट्रेनिंग
इमरान ने आतंकी संगठनों के साथ पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की सांठगांठ की बात भी स्वीकार की।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी सेना और ISI ने अलकायदा और अफगानिस्तान में लड़ रहे बाकी संगठनों को ट्रेनिंग दी। उनके उनसे हमेशा संबंध थे।"
इमरान ने कहा कि जब पाकिस्तान ने 180 डिग्री का टर्न लेते हुए इन संगठनों के खिलाफ लड़ना शुरू किया तो वो पाकिस्तान के खिलाफ हो गए और पाकिस्तान में ही हमले करने लगे।
बयान
कश्मीर विवाद एक मानवीय मुद्दा- इमरान
इस बीच इमरान ने रिपोर्टर्स से बात करते हुए कश्मीर विवाद पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि ये मानवीय मुद्दा है और अगर वे मोदी से मिले तो उनसे कम से कम कश्मीर से पाबंदियां हटाने को कहेंगे।
इंटरव्यू
पहले भी ये बातें कबूल चुके हैं इमरान
इससे पहले 'रशिया टुडे' को दिए इंटरव्यू में भी इमरान ये बातें कह चुके हैं।
उन्होंने कहा था, "अगर हमने 9/11 के बाद अमेरिका के युद्ध में हिस्सा नहीं लिया होता तो हम दुनिया का सबसे खतरनाक देश नहीं होते। मैं इसके खिलाफ था। 1980 के दशक में हम अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले रूस के खिलाफ जिहाद करने के लिए मुजाहिदीनों को ट्रेनिंग दे रहे थे। इन्हें पाकिस्तान ने ट्रेनिंग दी और अमेरिका की CIA ने पैसा दिया।"
संयुक्त राष्ट्र महासभा
27 सितंबर को मोदी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलेंगे इमरान खान
बता दें कि इमरान खान अगले कुछ दिन अमेरिका में ही रहेंगे।
27 सितंबर को उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करना है।
इसी दिन उनके कुछ देर पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UNGA में अपना भाषण देंगे।
कश्मीर पर दोनों देशों में तनाव के बीच दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के भाषण पर पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी।
इमरान अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठा सकते हैं।