कोरोना वायरस: भारत में दक्षिण अफ्रीकी वेेरिएंट के चार और ब्राजीली वेरिएंट का एक मामला मिला
क्या है खबर?
भारत में चार लोगों को कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है, वहीं एक शख्स को ब्राजीली वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। ये सभी लोग इन देशों से वापस लौटे थे।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने मंगलवार को ये जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी यात्रियों और उनके संपर्कों का टेस्ट किया गया है और उन्हें क्वारंटाइन में रखा जा रहा है।
बयान
सफलतापूर्वक आइसोलेट और कल्चर्ड किया गया ब्राजीली वेरिएंट
डॉ भार्गव ने बताया कि देश में ब्राजीली वेरिएंट का पहला मामला फरवरी के पहले हफ्ते में मिला था और इसे पुणे स्थित ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में सफलतापूर्वक आइसोलेट और कल्चर्ड भी किया जा चुका है। इसके खिलाफ वैक्सीनों की प्रभावशीलता जांचने के लिए भी प्रयोग जारी हैं।
दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट को भी आइसोलेट करने के प्रयास जारी हैं। यूनाइटेड किंगडम (UK) में पाए गए एक अन्य वेरिएंट को पहले ही आइसोलेट किया जा चुका है।
नए वेरिएंट
UK, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले हैं अधिक संक्रामक वेरिएंट
गौरतलब है कि हालिया समय में UK, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग वेरिएंट्स सामने आए हैं जो पहले से अधिक संक्रामक प्रतीत होते हैं।
UK वेरिएंट को 70 प्रतिशत तो दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट को 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया जा रहा है, वहीं ब्राजीली वेरिएंट पर अभी शोध जारी हैं।
इन तीनों वेरिएंट्स की स्पाइक प्रोटीन में N501Y नामक एक महत्वपूर्ण म्यूटेशन हुआ है जिसे इनके अधिक संक्रामक होने का कारण माना जा रहा है।
प्रसार
इतने देशों में फैल चुके हैं तीनों वेरिएंट्स
इन तीनों वेरिएंट्स में से UK वेरिएंट सबसे अधिक फैला है और अब तक भारत समेत कुल 82 देशों में इससे संक्रमण के मामले सामने आए हैं। भारत में इसके 187 मामले सामने आ चुके हैं।
दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट दूसरे स्थान पर है और अब तक 41 देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। ब्राजीली वेरिएंट सबसे कम फैला है और अब तक मात्र नौ देशों में इसके मामले सामने आए हैं।
वैक्सीनें
UK वेरिएंट के खिलाफ कारगर हैं वैक्सीनें, बाकी दो के बारे में आश्वस्त नहीं
वैज्ञानिक इन तीनों वेरिएंट्स में से UK वेरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीनें के काम करने की संभावना जता चुके हैं और कई अलग-अलग स्टडीज में फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को इस वेरिएंट के खिलाफ असरदार पाया गया है।
इन स्टडीज में फाइजर वैक्सीन लैब में UK वेरिएंट को निष्क्रिय करने में कामयाब रही।
हालांकि दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीली वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीनों के काम करने को लेकर वैज्ञानिक इतने आश्वस्त नहीं हैं क्योंकि इनमें अधिक म्यूटेशन हुए हैं।
जानकारी
दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट पर बेहद कम प्रभावी पाई गई थी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन
दक्षिण अफ्रीका में हुए एक ट्रायल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को अफ्रीकी वेरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी पाया गया था और इस कारण दक्षिण अफ्रीका ने इसका उपयोग भी बंद कर दिया है। उसने सीरम इंस्टीट्यूट से खुराकों को वापस लेने का कहा है।