म्यांमार: सैन्य सरकार और विद्रोही गुटों के बीच अस्थायी युद्धविराम, चीन ने की मध्यस्थता
क्या है खबर?
लंबे समय से गृह युद्ध से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश म्यांमार से थोड़ी राहत भरी खबर आई है। यहां पर सैन्य सरकार और अल्पसंख्यक सशस्त्र समूहों के बीच अस्थायी युद्धविराम पर सहमति बन गई है
चीन की मध्यस्थता से हुई इस बातचीत के बाद युद्धविराम लागू भी हो गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, युद्धविराम कहां-कहां लागू हुआ है, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
चीन
युद्धविराम को लेकर क्या बोला चीन?
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "दोनों पक्ष सैन्य कर्मियों को हटाने और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से तत्काल युद्धविराम पर सहमत हुए हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष संयम बरतते हुए बातचीत और परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि ये बातचीत 10 और 11 जनवरी को म्यांमार की सीमा से लगे युन्नान प्रांत के कुनमिंग में चीनी पक्ष की मध्यस्थता के साथ हुई है।
समझौता
समझौते में क्या-क्या शामिल है?
रॉयटर्स से बात करते हुए विद्रोही समूह के एक नेता ने कहा, "गठबंधन और सेना संघर्ष विराम पर सहमत हुए हैं। हमारी ओर से दुश्मन के शिविरों या कस्बों पर आक्रामक हमल नहीं किए जाएंगे। सेना की ओर से हवाई हमले, बमबारी या भारी हथियारों के जरिए हमले नहीं करने का समझौता हुआ है।"
दोनों पक्षों ने सीमा पर रहने वाले चीनी लोगों, परियोजनाओं और कर्मियों को भी नुकसान नहीं पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
क्षेत्र
संघर्षविराम के क्षेत्र पर अभी संशय
संघर्ष विराम किन क्षेत्रों में लागू होगा, इसको लेकर कुछ ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ये केवल उत्तरी शान क्षेत्र में लागू होगा।
म्यांमार के सैन्य शासन की ओर से भी इस संबंध में आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि इससे पहले भी दोनों पक्षों के बीच इसी तरह का समझौता हुआ था, जिसका पालन नहीं हो पाया था।
सैनिक
म्यांमार के 416 सैनिक भारत में घुसे
म्यांमार में जारी संघर्ष का असर भारत पर भी हो रहा है। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बताया था कि म्यांमार के 416 सैनिक भारत में घुसे थे, जिन्हें वापस भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा था, "भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति चिंता का विषय है। म्यांमार सेना और सशस्त्र संगठन की गतिविधियों पर हमारी नजर है। असम राइफल्स की करीब 20 बटालियन सीमा पर नजर रख रही है।"
वजह
म्यांमार में क्यों भड़की हिंसा?
म्यांमार में हालिया संघर्ष की शुरुआत 2020 में हुए आम चुनावों के बाद हुई थी। इसमें लोकप्रिय नेता आंग सान सू की जीत मिली थी, लेकिन सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए तख्तापलट कर दिया।
इसके बाद देश में आपातकाल लगा दिया गया। इसके खिलाफ और लोकतंत्र बहाली को लेकर 3 सशस्त्र दल साथ आए और 'ब्रदरहुड अलायंस' नाम से गठबंधन बनाया। अब ये दल सेना से संघर्ष कर रहे हैं।