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माँ-बेटी ने बढ़ते प्रदूषण की वजह से बिगड़ी सेहत के लिए किया फ्रांस सरकार पर मुकदमा

माँ-बेटी ने बढ़ते प्रदूषण की वजह से बिगड़ी सेहत के लिए किया फ्रांस सरकार पर मुकदमा

May 30, 2019
02:31 pm

क्या है खबर?

हाल ही में फ्रांस में एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल यहाँ की एक माँ-बेटी ने प्रदूषण की वजह से बिगड़ी सेहत के लिए फ्रांस सरकार पर केस कर दिया है। दोनों ने पेरिस के पूर्व में स्थित मोंट्रेउइल की प्रशासनिक अदालत में याचिका दायर कर सरकार से 1.60 लाख यूरो (लगभग 1.25 करोड़ रुपये) का हर्ज़ाना माँगा है। इस मामले ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आइए विस्तार से जानें पूरी घटना।

प्रदूषण

प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रही है सरकार

52 वर्षीय माँ और 16 वर्षीय बेटी उत्तरी पेरिस के उपनगर सेंट ओवेन में रहती हैं, जो बहुत भीड़भाड़ वाले रिंग रोड़ के नज़दीक बसा हुआ है। इस रोड को 1973 में बनाया गया था और रोज़ाना यहाँ से 11 लाख गाड़ियाँ गुज़रती हैं। यह स्थिति यहाँ आस-पास रहने वाले एक लाख लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रही है।

बीमारी

प्रदूषण की वजह से हुई साँस की बीमारी

उनके अनुसार, दिसंबर, 2016 में जब पेरिस भीषण प्रदूषण की चपेट में था, उस समय अधिकारियों ने पर्याप्त क़दम नहीं उठाए। माँ-बेटी का कहना है कि प्रदूषण की वजह से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा है और प्रदूषण की ही वजह से उन्हें साँस की बीमारी (अस्थमा) हो गई है। उनके वक़ील ने बताया कि डॉक्टर की सलाह के बाद दोनों ऑर्लियांस शहर में रहने लगीं, तब से उनकी सेहत में सुधार होना शुरू हुआ।

NGO

सरकार के ख़िलाफ़ लोग उठा रहे हैं कदम

ऐसे मामलों में मदद करने वाली रेस्पायर NGO के सेबेस्टियन ने बताया कि पूरे फ्रांस में लगभग 50 लोग सरकार के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठा रहे हैं। उन्होंने अदालत तक यह मामला पहुँचने को ही अपनी जीत माना है। उन्होंने कहा, "आठ साल पहले जब मैंने रेस्पायर बनाया था, तब मेरा लक्ष्य केवल यही था कि बढ़ते प्रदूषण और लोगों की ख़राब सेहत के बीच संबंध को कानूनी दायरे में लाया जाए।" उनकी कोशिश अब रंग ला रही है।

राजनीतिक मुद्दा

प्रदूषण बन गया है फ्रांस के लिए राजनीतिक मुद्दा

वहीं, फ्रांस की जनस्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, वायु प्रदूषण की वजह से यहाँ सालाना 48,000 लोगों की असमय मृत्यु हो जाती है। साल 2016 में पेरिस में प्रदूषण बहुत ज़्यादा था, उस समय सरकार ने इससे बचने के लिए गाड़ियों के लिए ऑड-इवन नियम लागू किया था। इसके अंतर्गत एक दिन सम नंबर वाली गाड़ियों को और दूसरे दिन विषम नंबर वाली गाड़ियों को चलने की अनुमति थी। वहाँ के लिए प्रदूषण राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है।

सूक्ष्म कण

फ्रांस के कुछ शहरों में है सूक्ष्म कणों की ज़्यादा मात्रा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मई, 2018 में यूरोपीय आयोग ने फ्रांस और पाँच अन्य देशों के ख़िलाफ़ यूरोपीय न्याय अदालत में मामला दर्ज करवाया था। आयोग ने उन देशों पर हवा की गुणवत्ता में सुधार न करने का आरोप लगाया था। फ्रांस को हवा में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड व अन्य सूक्ष्म कणों की अधिक मात्रा को लेकर 12 साल पहले ही चेतावनी दी गई थी। यहाँ के कुछ शहरों में सूक्ष्म कणों की मात्रा बहुत ज़्यादा है।