अफ्रीकी देश गेबॉन में तख्तापलट, चुनावी नतीजे आते ही सेना ने राष्ट्रपति को कैद किया
क्या है खबर?
नाइजर के बाद अब अफ्रीका के एक और देश गेबॉन में तख्तापलट हो गया है। यहां की सेना ने नेशनल टीवी पर आकर इस बात का ऐलान किया और राष्ट्रपति अली बोंगो को नजरबंद कर लिया है।
सैन्य अधिकारियों का कहना है कि देश की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। राजधानी लिब्रविल में गोलीबारी की भी खबरें हैं।
बता दें कि हाल ही में आए चुनावी नतीजों में राष्ट्रपति बोंगो को तीसरी बार जीत मिली थी।
आरोप
नतीजों के कुछ देर बाद ही सेना ने किया तख्तापलट
हाल ही में गेबॉन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए थे। आज ही चुनाव आयोग ने नतीजों की घोषणा की थी, जिसमें राष्ट्रपति बोंगो लगातार तीसरी बार विजयी घोषित किए गए।
नतीजों के ऐलान के कुछ देर बाद ही सेना ने तख्तापलट कर दिया। सेना का कहना है कि चुनावों में गड़बड़ी हुई है, इसलिए परिणाम रद्द किया जा रहा है।
मामले पर अभी तक सरकार की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
बयान
तख्तापलट पर सेना ने क्या कहा?
आज गेबॉन की सेना के 12 सैनिक टीवी पर दिखाई दिए और घोषणा करते हुए कहा कि चुनावी नतीजे रद्द किए जाते हैं और देश की सभी संस्थाओं को भंग किया जाता है।
उन्होंने कहा, "देश की सीमाएं अगली सूचना तक बंद कर दी गई हैं। राष्ट्रपति बोंगो की जगह राष्ट्रपति गार्ड के प्रमुख जनरल ब्राइस ओलिगुई न्गुएमा लेंगे। गेबॉन की जनता के नाम पर हमने वर्तमान शासन का खात्मा करके शांति की रक्षा करने का फैसला किया है।"
लोग
सेना के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग
तख्तापलट के बाद सेना के समर्थन में लोग सड़कों पर जश्न मना रहे हैं।
एक युवक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "मैं बहुत खुश हूं। लगभग 60 सालों के बाद बोंगो सत्ता से बाहर हो गए हैं।"
अगर गेबॉन में यह तख्तापलट सफल हुआ तो 2020 के बाद पश्चिमी और मध्य अफ्रीकी देशों में हुआ ये आठवां तख्तापलट होगा। इससे पहले माली, गिनी, बुर्किना फासो, चाड और नाइजर में लोकतांत्रिक सरकारों को हटा दिया गया था।
फ्रांस
तख्तापलट पर फ्रांस का क्या कहना है?
गेबॉन कभी फ्रांस का उपनिवेश रहा है। वर्तमान में भी यहां फ्रांस के 300 से ज्यादा सैनिक मौजूद है।
तख्तापलट के बाद फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ओलिवियर वेरन ने कहा, "हम सैन्य तख्तापलट की निंदा करते हैं और स्वतंत्र और पारदर्शी चुनावों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। फ्रांस सरकार जमीन पर हो रही हरस्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।"
रूस और चीन ने भी हालात पर चिंता व्यक्त की है।
गेबॉन
न्यूजबाइट्स प्लस
गेबॉन अफ्रीका का एक मुख्य तेल उत्पादक देश है और इसका 90 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से घिरा है।
यहां की सत्ता पर साल 1967 से बोंगो परिवार का कब्जा है। 2009 में अपने पिता उमर के निधन के बाद अली बोंगो ने सत्ता संभाली थी।
सेना का आरोप है कि बोंगो परिवार फ्रांस की कठपुतली है और फ्रांस को देश के संसाधनों का दोहन करने दे रहा है। 2019 में भी गेबॉन में एक असफल तख्तापलट का प्रयास हुआ था।