क्या होते हैं ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल? आसान भाषा में पढ़िये
देश के पांच राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। अब 11 दिसंबर को इन चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले ओपिनियन पोल के सहारे नतीजों का अनुमान लगाया जा रहा है। किसी चैनल पर एक राज्य में एक पार्टी की सरकार बन रही है तो दूसरे चैनल पर उसी राज्य में दूसरी पार्टी की। आइये जानते हैं कि जिसकी सब चर्चा कर रहे हैं वो ओपिनियन पोल होते क्या हैं।
क्या होता है ओपिनियन पोल
ओपिनियन पोल का आसान भाषा में मतलब है लोगों की राय। किसी भी विषय को लेकर जब जनता की राय मांगी जाती है तो यह ओपिनियन पोल होता है। भारत में अधिकतर चुनावों के समय ओपिनियन पोल किए जाते हैं। इसके लिए अलग-अलग सर्वे एजेंसियां अलग-अलग वैज्ञानिक तरीकों से लोगों की राय इकट्ठा करती है। ओपिनियन पोल में जितने ज्यादा लोगों से उनकी राय मांगी जाएगी, इसके नतीजे उतने ही सटीक रहने की संभावना होती है।
वोटिंग के दिन होता है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल तब होता है जब वोटर अपना वोट देकर बूथ से निकल रहा होता है। उस वक्त वोटर से पूछा जाता है कि उसने किसको वोट दिया है। एग्जिट पोल में अलग-अलग वोटरों की राय लेकर उस जानकारी का विश्लेषण किया जाता है। हालांकि, एग्जिट पोल वैज्ञानिक तरीकों से नहीं किए जाते हैं इसलिए इनके नतीजे गलत होने की संभावना ओपिनियन पोल से ज्यादा रहती है। एग्जिट पोल चुनाव खत्म होने के बाद दिखाए जाते हैं।
क्या होते हैं प्री पोल और पोस्ट पोल
प्री पोल और पोस्ट पोल सर्वे भी ओपिनियन पोल के भाग हैं। चुनाव के संबंध में इनकी बात की जाए तो मतदान से पहले होने वाले सर्वे को प्री पोल सर्वे कहा जाता है। वहीं पोस्ट पोल सर्वे मतदान के दिन के बाद किया जाता है। राजस्थान चुनावों के नजरिए से देखा जाए तो 7 दिसंबर को मतदान के बाद से लेकर 11 दिसंबर को नतीजे आने तक के बीच में जो सर्वे होगा, उसे पोस्ट पोल सर्वे कहा जाएगा।